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पटना : ऑनलाइन दाखिल-खारिज व लगान भुगतान शुरू, सीएम ने कहा, पारिवारिक बंटवारे में भूमि का निबंधन शुल्क हो सांकेतिक

पटना : राज्य में ऑनलाइन दाखिल-खारिज, ऑनलाइन लगान भुगतान और निबंधन कार्यालय को अंचल कार्यालय इंटरलिंक की सेवा शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में इसका उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के कारण 60% आपराधिक मामले होते हैं. भूमि विवाद के निष्पादन के लिए […]

पटना : राज्य में ऑनलाइन दाखिल-खारिज, ऑनलाइन लगान भुगतान और निबंधन कार्यालय को अंचल कार्यालय इंटरलिंक की सेवा शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में इसका उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के कारण 60% आपराधिक मामले होते हैं.
भूमि विवाद के निष्पादन के लिए नियमित सुनवाई हो तो इसमें कमी आयेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पारिवारिक बंटवारे में जमीन का निबंधन शुल्क सांकेतिक हो. यह शुल्क अधिक-से-अधिक 100-200 रुपये होना चाहिए. उन्होंने निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी को निर्देश दिया कि इस पर जल्द निर्णय लें और आवश्यक हो तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाएं.
उन्होंने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर और अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों का स्कैन कर ई–रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखा जाये. इससे नये सर्वे सेटलमेंट में भी सहूलियत होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी.
दो वर्षों में नया सर्वे सेटलमेंट पूरा करें
उन्होंने कहा कि जमीनी आंकड़े अपडेट नहीं है. जमीन का दस्तावेज काफी पुराना है. सर्वे 1901 पर आधारित है. इसके लिए नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरू किया है.
इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया. नया सर्वे सेटलमेंट का काम दो वर्षों के अंदर कर लिया जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर खतियान व रजिस्टर–टू, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल-खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का डिजिटाइजेशन व स्कैनिंग की जाये. इससे नये सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकॉर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नये सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियां होंगी, उनके निष्पादन में कम समय लगेगा.
पंचायत सरकार भवन में बैठेंगे कर्मचारी
नीतीश कुमार ने कहा कि पंचायत सरकार भवन में ही कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि 1100 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण करवाया गया है. शेष पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाना है. लगान देने की इच्छा के बावजूद कर्मचारी को तलाश करने में परेशानी के कारण लोग नहीं दे पाते हैं.
भूमि विवाद की नियमित हो सुनवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था को बहाल करना हमारी प्राथमिकता है. भूमि विवाद के निष्पादन के लिए नियमित सुनवाई होनी चाहिए. प्रत्येक सप्ताह शनिवार को थाना प्रभारी व सीओ शिविर लगाकर भूमि विवाद के समाधान का उपाय करेंगे.
हर 15 दिनों पर डीएम व एसपी द्वारा सीओ व थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा करना है. प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डीजीपी, राजस्व व भूमि सुधार विभाग व निबंधन विभाग के प्रधान सचिव बैठक कर सभी डीएम से फीडबैक लेकर जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा करेंगे.
इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा. जमीन के प्रति सेंस अॉफ पजेशन लोगों में ज्यादा होता है. नये सिस्टम के आने से हम व्यवस्था को और दुरुस्त कर सकते हैं, ताकि इसके बाद चकबंदी भी लागू कर सकें.
विकास दर डबल डिजिट में
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास दर डबल डिजिट में है. हमलोग विकेंद्रित तरीके से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर भूमि संबंधित विवाद खत्म हो जाएं तो बिहार विकास की नयी ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा. कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.
सभी विभाग शीघ्र होंगे कंप्यूटरीकृत : मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार के सभी विभागों को पारदर्शी, त्वरित कार्य निष्पादन व मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त करने के लिए पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है.
272 करोड़ की लागत से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम और 52 करोड़ की लागत से केंद्रीयकृत मानव संसाधन प्रबंधन व्यवस्था लागू होगी. इसके तहत राज्य सरकार के साढ़े तीन लाख से अधिक कर्मचारियों व 1500 अधिकारियों की ई-सर्विस बुक के साथ सभी कर्मियों की एक यूनिक नंबर होगा.
राज्य के सभी 894 थानों को कंप्यूटराइज्ड क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिये आम लोगों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, शिकायत की ट्रैकिंग करने, चरित्र प्रमाणपत्र, आर्म्स लाइसेंस, पासपोर्ट आदि के आवेदन के वेरीफिकेशन की सुविधा मिलेगी.
50 हजार से अधिक की खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से होगी. भूमि डॉट कॉम पर जाने से जमीन खरीदनेवाले का ब्योरा मिल जायेगा. इस अवसर पर राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग में लगातार समीक्षा के साथ काम हो रहा है.
कार्यक्रम में तकनीक विशेषज्ञ राजेश कुमार सिंह व संजय कुमार को मुख्यमंत्री के हाथों प्रशस्ति पत्र मिला. राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने स्वागत करते हुए ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दी.
मौके पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, अध्यक्ष राजस्व पर्षद सह सदस्य सुनील कुमार सिंह, गृह, मद्य निषेध, उत्पाद व निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, निदेशक भू–अर्जन एवं विशेष सचिव राजस्व व भूमि सुधार वीरेंद्र कुमार मिश्र, निदेशक भू–अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
प्रधान सचिव को दिया निर्देश, कैबिनेट में जल्द लाएं प्रस्ताव
राजस्व विभाग में 31,290 हजार कर्मियों की होगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन संबंधी काम के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कर्मियों की काफी कमी है. इसका आकलन किया गया है. इसके लिए 31,290 कर्मियों की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति ने प्रस्ताव मंजूर किया है. इनमें विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के 1203, सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो के 2297, विशेष सर्वेक्षण अमीन के 22966, लिपिक/विशेष लिपिक के 2406, कार्यपालक सहायक के 1203, डाटा इंट्री अॉपरेटर के 12 और आईटी ब्वॉय के 1203 पद शामिल हैं.
इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा. इसके बाद मुख्य सचिव इसकी समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कर्मी पूर्णत: बहाल नहीं हो जाते हैं, तब तक एक जिले में प्रयोग के तौर पर जूनियर इंजीनियर को ट्रेनिंग देकर काम कराया जा सकता है.

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