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मोकामा : नौकरी का झांसा दे जालसाजों ने युवाओं से ठगे 32 लाख

मोकामा : रेलवे व सेना में नौकरी का झांसा देकर जालसाजों ने कई युवकों से 32 लाख रुपये ठग लिये. ठगी के शिकार युवकों में पवन कुमार, पिंकी कुमारी दोनों पिता धनराज महतो (घोसवरी प्रखंड के इशानगर निवासी), राजेश कुमार पिता स्व अजय कुमार (पंडारक प्रखंड के भदौर निवासी), संतोष कुमार पिता राजकुमार महतो (खुसरूपुर […]

मोकामा : रेलवे व सेना में नौकरी का झांसा देकर जालसाजों ने कई युवकों से 32 लाख रुपये ठग लिये. ठगी के शिकार युवकों में पवन कुमार, पिंकी कुमारी दोनों पिता धनराज महतो (घोसवरी प्रखंड के इशानगर निवासी), राजेश कुमार पिता स्व अजय कुमार (पंडारक प्रखंड के भदौर निवासी), संतोष कुमार पिता राजकुमार महतो (खुसरूपुर निवासी), जितेंद्र कुमार पिता स्व गंगा सागर प्रसाद (अगमकुंआ, पटना सिटी निवासी) शामिल हैं.
पीड़ित युवाओं ने लिखित शिकायत कर एसएसपी से कार्रवाई की गुहार लगायी है. घोसवरी प्रखंड के पूर्व जिप सदस्य रामेश्वर मांझी पर आरोप है कि उसने ठग गिरोह से युवकों का संपर्क कराया था. सुशील ( बंगाल के रानीगंज का रहने वाला ) गिरोह का सरगना है. वहीं, राजीव रंजन, मुंगेर के असरगंज निवासी ने पटना में पीड़ितों से एक कार्यालय में मुलाकात कर रुपये लिये थे. पीड़ित पवन का आरोप है कि ठगों ने उसका एटीएम कार्ड और सिम कार्ड भी अपने कब्जे में कर लिया.
वहीं, पवन के सिम से ही ठगी के शिकार बने सभी प्रतिभागियों से बात करता था. वहीं, उसके एटीएम के माध्यम से मोटी रकम निकाल लिया. घोसवरी के ईशानगर निवासी धनंजय पर भी ठगों की मदद करने का आरोप लगा है. पीड़ितों पर विश्वास जमाने के लिए रेल मंत्रालय तक पहुंच होने का झांसा दिया गया. सुशील ने मोबाइल पर बात कर अपना परिचय किसी डीआरएम के रिश्तेदार के रूप में दिया था.
इधर, ठगी का मामला सामने आने पर पूर्व जिप सदस्य रामेश्वर मांझी व धनंजय अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. पूर्व जिप सदस्य का कहना है कि ठगों ने उन्हें झांसे में रखकर लोगों से रुपये ठग लिये. वह जालसाजों का पता लगाने में जुटे हैं. दूसरी ओर धनंजय का कहना है कि इंदिरा आवास का लाभ नहीं दिलाने से नाराज लोग उसपर ठगी का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि पुलिस पीड़ितों से मिले साक्ष्य के आधार पर जांच कर रही है.
2016 से फरवरी 2018 तक जालसाजों ने पीड़ित युवाओं से लिखित परीक्षा, इंटरव्यू, मेडिकल आदि पास कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ ली. वहीं, ज्वाइनिंग की तिथि पर मोबाइल बंद कर फरार हो गये.
पीड़ित छात्र पवन ने बताया कि रेलवे इंजीनियर पद पर बहाली के नाम पर उसे लाखों रुपये का चूना लगा दिया. भागलपुर बुलाकर उसका इंटरव्यू भी करवाया गया. वहीं, रेलवे के जाली कागजात पर उसके हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान बनाये गये. इधर, संतोष को आर्मी में बहाली के लिए फर्जी मेडिकल भी करवाया गया.
पीड़ितों को जालसाजी की भनक तक नहीं लगी. बाद में ठगी का एहसास होने पर सेना के कार्यालय में संपर्क साधा गया तो जालसाजों से मिला कागजात फर्जी निकला. जालसाजों ने रुपये ठगने के साथ शैक्षणिक प्रमाणपत्र की मूल प्रति भी अपने कब्जे में कर लिया. घोसवरी थानेदार ने जानकारी दी कि घोसवरी थाना क्षेत्र के पूर्व जिप सदस्य समेत दो पर ठग गिरोह में शामिल होने का आरोप है.
किससे कितने की ठगी
पवन कुमार से रेलवे के नाम पर 850,000 (आठ लाख पचास हजार)
पिंकी कुमारी से रेलवे के नाम पर 350000 (तीन लाख पचास हजार)
राजेश कुमार से आर्मी के नाम पर 800000 (आठ लाख)
संतोष कुमार से आर्मी के नाम पर 700000 (सात लाख)
जितेंद्र कुमार से रेलवे के नाम पर 550000 ( पांच लाख पचास हजार)
इन पर ठग गिरोह चलाने का आरोप :
रामेश्वर मांझा, पूर्व जिप सदस्य ( घोसवरी प्रखंड)
धनंजय कुमार, पूर्व वार्ड सदस्य, (करकाईन, घोसवरी निवासी)
राजीव रंजन (असरगंज, मुंगेर निवासी)
सुशील सिंह (रानीगंज, बंगाल) समेत पांच अज्ञात

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