पटना : 15 लाख का गबन, कार्रवाई के बजाय हो रही लीपापोती

पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के पर्चे पर मिलने वाली रकम का घोटाले करने का मामला सामने आने के बाद भी उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. इतना ही नहीं कार्रवाई करने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी लीपापोती करने में लगे हुए हैं. मरीजों से अस्पताल के पर्चे पर मिलने वाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2018 9:25 AM
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के पर्चे पर मिलने वाली रकम का घोटाले करने का मामला सामने आने के बाद भी उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
इतना ही नहीं कार्रवाई करने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी लीपापोती करने में लगे हुए हैं. मरीजों से अस्पताल के पर्चे पर मिलने वाली रकम का सात महीने तक निजी उपयोग किया गया. जब लोक सूचना के अधिकार के तहत उस मामले का खुलासा हुआ, तो मामला सामने आया. सूत्रों की मानें, तो अगर इस मामले का खुलासा किया गया, तो आरजीएसएस कंपनी से जुड़े कई अधिकारी व कर्मचारी फंस जायेंगे.
लीपापोती करने में लगे हैं अधिकारी
रजिस्ट्रेशन की फीस सात महीने से रोगी कल्याण समिति में जमा करने के बजाय कंपनी के अधिकारी अपने निजी काम में लगा लिया. सूत्रों की मानें, तो इस मामले में कुछ अधिकारी व कर्मचारी भी फंस रहे हैं. कंपनी के अलावा इसमें अफसर अपनी गर्दन बचाने के लिए अधीनस्थों को दोषी ठहरा रहे हैं. लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं की जा रही है. जबकि पीएमसीएच में रोजाना करीब 3000 मरीज ओपीडी में इलाज कराने आ रहे हैं.
पीएमसीएच प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
पीएमसीएच में मरीजों के पर्चे पर मिलने वाली रकम के गबन की सूचना मिलने के बाद विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने लोक सूचना के अधिकार के तहत रकम जमा करने का पूरा ब्योरा मांगा. इसमें अनुबंध लेखापाल रोगी कल्याण समिति की रेशमी कुमारी की ओर से 1 अप्रैल, 2017 से 8 मार्च, 2018 कुल 11 माह तक रकम जमा की राशि की जानकारी भेजी गयी.
11 माह में 12 लाख 76 हजार 392 रुपये की राशि पर्ची काटने का जिम्मा संभाल रही कंपनी की ओर से जमा की गयी है. सात महीने की राशि का दुरुपयोग मार्च, 2018 से सितंबर, 2018 यानी करीब सात महीने की राशि अभी तक रोगी कल्याण समिति में नहीं जमा की गयी है.
गुड्डू बाबा की मानें, तो करीब 15 लाख रुपये की राशि नहीं जमा की गयी है. पर्चा काटने का जिम्मा संभाल रही आरजीएसएस कंपनी ने अभी तक राशि जमा नहीं की है. इस राशि का निजी काम में दुरुपयोग किया गया है.

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