पटना : हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है. जस्टिस सुधीर सिंह की एकल पीठ ने मामले पर सुनवाई पूरी कर पांच अक्तूबर, 2018 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार को अदालत ने सुनाया. यह याचिका मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण कांड में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के ससुराल वालों के घर पर सीबीआई की छापेमारी के दौरान जब्त कारतूसों के संबंध में दायर की गयी थी.
Muzaffarpur Shelter Home case: Patna High Court dismisses anticipatory bail application of Bihar's former Social Welfare Minister Manju Verma (file pic) pic.twitter.com/K9GOVPH9eo
— ANI (@ANI) October 9, 2018
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जानकारी के मुताबिक, पटना हाईकोर्ट ने बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा द्वारा दाखिल अग्रिम जमानत की याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की पीठ ने मामले के सभी पक्षों (सीबीआई, राज्य सरकार और याचिकाकर्ता) को सुनने के बाद पांच अक्तूबर, शुक्रवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था. यह याचिका मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण कांड में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के ससुराल वालों के घर पर सीबीआई की छापेमारी के दौरान जब्त की गयी कारतूसों के संबंध में दायर की गयी. मामले में वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को बेगूसराय दीवानी अदालत ने 25 अगस्त को खारिज कर दिया था, जिसके बाद मंजू वर्मा ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
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सीबीआई ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में 17 अगस्त को बिहार के चार जिलों में 12 स्थानों पर छापेमारी की थी. इनमें मंजू वर्मा के पटना स्थित आवास और बेगूसराय में श्रीपुर स्थित उनके ससुराल वालों का घर भी शामिल था. सीबीआई ने बेगूसराय के श्रीपुर स्थित अर्जुन टोला गांव में मंजू वर्मा के ससुराल वालों के घर से 50 जिंदा कारतूस बरामद होने के संबंध में उनके एवं उनके पति के खिलाफ 18 अगस्त को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के पति की इस साल जनवरी से जून के बीच 17 बार बातचीत होने का खुलासा होने के बाद वर्मा ने समाज कल्याण मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था.
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