पटना : अक्टूबर में सामान्य से 94 फीसदी कम बारिश होने से राज्य एक बार फिर सूखे की ओर बढ़ रहा है. बारिश नहीं होने से खेतों से नमी गायब है.इसका असर गेहूं की बुआई पर भी पड़ेगा. सूखे की स्थिति पर राज्य सरकार नजर रख रही है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए हाई लेवल बैठक की है. खरीफ के चालू मौसम में शुरू में किसानों को सामान्य से काफी कम बारिश होने से काफी परेशानी हुई थी. राज्य में सूखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी लेकिन फिर बारिश होने से स्थिति में सुधार हुआ.
इस साल राज्य के 34 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 32 लाख हेक्टेयर से अधिक में रोपनी हुई. पानी के अभाव में देरी से रोपनी होने के कारण उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. अब धान के फूटने का समय है.
इस समय पानी की काफी जरूरत है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं. डेढ़ दर्जन से अधिक जिले में तो बारिश हुई ही नहीं. एक से 10 अक्टूबर के बीच सामान्य तौर पर 42 एमएम बारिश होती है, लेकिन बारिश हुई 2.48 एमएम. ऐसे भी जून से 30 सितंबर के बीच राज्य में सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है. अभी धान की फसल को पानी की सख्त जरूरत है. इस पानी के कारण खेतों में जो नमी रहती है वह गेहूं की बुआई में काम आता है, लेकिन स्थिति उलट है. राज्य सरकार ने अब तक 79 करोड़ से अधिक डीजल अनुदान का भुगतान किया है.