”लालू लीला” पुस्तक का हुआ लोकार्पण, मोदी ने कहा- ताकतवर नेता रहे हैं लालू, अपने कारनामे के कारण आज जेल में हैं
पटना : उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ‘लालू लीला’ नामक पुस्तक लिखी है. इस पुस्तक का लोकार्पण लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकार्पण किया गया. सुशील मोदी की लिखी ‘लालू लीला’ पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है. इस मौके पर […]
पटना : उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ‘लालू लीला’ नामक पुस्तक लिखी है. इस पुस्तक का लोकार्पण लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकार्पण किया गया. सुशील मोदी की लिखी ‘लालू लीला’ पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है. इस मौके पर सुशील मोदी ने कहा किलालू जी को 47 वर्षों से जानता हूं. वह सबसे ताकतवर नेता रहे हैं.आज वह अपने कारनामे के कारण ही जेल में बंद हैं.जेल जाने के बाद लालू प्रसाद ने कई घोटाले किये. वह141 भू-खंड, 30 फ्लैट सहित कई मकान के मालिक बन गये.
पुस्तक के लोकार्पण समारोह में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय रामकृपाल यादव, बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, ग्रामीण विकास और संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन भी लोकार्पण के मौके पर उपस्थित थे.
क्या है पुस्तक में
सुशील मोदी की लिखी ‘लालू लीला’ पुस्तक में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे कई नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवाये जाने का जिक्र है. साथ ही भ्रष्टाचार से कमाये गये काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी आदि से नौकरी तथा ठेका या अन्य लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन-मकान दान के जरिये हासिल किये जाने की भी बात होगी. पुस्तक में घटनाओं का जिक्र चित्र के साथ किया गया है.
पुस्तक में लालू परिवार ने बेनामी संपत्ति हासिल करने के लिए रिश्तेदारों को बनाये गये माध्यम का भी खुलासा किया गया है. भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी की ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से पहले अपने कालेधन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों और बेटियों के नाम गिफ्ट करा लिये. ऐसे करीब दर्जनभर मामलों को पुस्तक में उजागर किया गया है. यही नहीं, लालू प्रसाद यादव ने मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर कैसे संपत्ति बनायी गयी, इसका भी उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है.
संदर्भ ग्रंथ के रूप में साबित होगी ‘लालू लीला’ : गडकरी
पुस्तक के प्राक्कथन में केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा है कि सुशील मोदी की पुस्तक लालू-लीला लालू परिवार के भ्रष्टाचार का जीवंत दस्तावेज है. केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामले के मंत्री अरुण जेटली ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि ‘लालू-लीला’ सार्वजनिक जीवन को भ्रष्टाचारमुक्त करने के सुशील मोदी के अथक संघर्ष का प्रामाणिक दस्तावेज है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी मानना है कि भविष्य के लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए ‘लालू-लीला’ एक संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोगी साबित होगी.
लोकार्पण से पहले किये गये सुरक्षा के बेहतर इंतजाम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुस्तक के लोकार्पण से पहले ही सुरक्षा बढ़ाने का आदेश पटना के जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी को दे दिये गये थे. साथ ही पटना में किताब का प्रकाशन करनेवाले प्रभात प्रकाशन की दुकानों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. कार्यक्रम स्थल पर भी सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम किये गये थे.