अहमदाबाद / पटना : गुजरात में 14 माह की बच्ची से दुष्कर्म के बाद बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों से दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक सह मधेपुरा सांसद पप्पू यादव गुजरात पहुंच कर बिहार के लोगों से मिले. अहमदाबाद में उन्होंने कहा कि बिहारवासियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी गुजरात सरकार की है. बिहार और उत्तर प्रदेश के कामगारों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं चिंताजनक हैं. इसका असर गुजरात की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. गुजरात की खुशहाली बिहार के मजदूरों के कारण है और उनकी सुरक्षा जरूरी है.
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सांसद ने साबरकंठा जिले के हिम्मतनगर अंतर्गत डाबूई गांव के पास ताड़पतरा में पीड़ित बच्ची के परिजनों से मिलने के बाद कहा कि गुजरात के हर सुख-दुख में बिहारी उनके साथ खड़े होते हैं. लेकिन, गुजराती इस दर्द को भी भूल गये. दुष्कर्मी को फांसी दे देनी चाहिए. लेकिन, उसके कुकर्मों की सजा सभी बिहारियों को देना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने की बात होनी चाहिए थी, वहीं आज इस पर क्षेत्रवाद की राजनीति हो रही है. इससे बच्ची को न्याय दिलाने की बात दब गयी है. मेरा मानना है कि दुष्कर्म करनेवालों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए. ताकि, ऐसे लोग अगली बार बेटियों को नजर उठाकर भी देखने का हिम्मत न करें. उन्होंने बच्ची के परिजनों को डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की.
सांसद ने कहा कि 14 महीने की बच्ची के बलात्कार के बाद दो लाख से अधिक प्रवासियों को गुजरात छोड़ने पर मजबूर हुए. आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब इतने बड़े पैमाने पर लोगों को डर से भागने को मजबूर होना पड़ा है. गुजरात में देश के संघीय ढांचे पर हमला हुआ है. देश में भर में किसी न किसी बहाने बिहारियों पर हमले हो रहे हैं. यह खतरनाक प्रृवृत्ति है. इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. संविधान से बड़ा कोई नहीं है. बिहारियों के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए गुजरात सरकार को क्षमा मांगनी चाहिए और पीएम मोदी इस पर चुप क्यों हैं? यह समझ से परे है.
उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री की इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने तीन दिनों तक बिहारियों के खिलाफ स्थानीय लोगों को मारपीट और दुर्व्यवहार करने की छूट दे दी थी. बिहारियों को सुरक्षा देने में विफल मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.