रेप पीड़िता बच्ची का गर्भपात कराने की हाईकोर्ट से नहीं मिली इजाजत
पटना : नाबालिग रेप पीड़ित बच्ची का गर्भपात करने का आदेश देने से पटना हाईकोर्ट ने साफ इन्कार कर दिया. कोर्ट ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए आईजीआईएमएस के डायरेक्टर को कई अहम निर्देश दिये हैं. कोर्ट ने अस्पताल में रहने सहित दवा व इलाज का समुचित व्यवस्था सरकारी खर्च पर करने का भी आदेश […]
पटना : नाबालिग रेप पीड़ित बच्ची का गर्भपात करने का आदेश देने से पटना हाईकोर्ट ने साफ इन्कार कर दिया. कोर्ट ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए आईजीआईएमएस के डायरेक्टर को कई अहम निर्देश दिये हैं. कोर्ट ने अस्पताल में रहने सहित दवा व इलाज का समुचित व्यवस्था सरकारी खर्च पर करने का भी आदेश दिया है.
वहीं कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के मेंबर सेक्रेटरी को एक सप्ताह के भीतर पीड़िता को अंतरिम मुआवजा के रूप में एक लाख रुपये देने का आदेश दिया है. साथ ही बच्ची तथा उसके परिजनों का पहचान गुप्त रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पहचान उजागर करने पर पाबंदी लगायी है. कोर्ट ने इस केस में अंतिम सुनवाई तथा मुआवजा की राशि तय करने के लिए 29 अक्तूबर की तारीख तय की है
गया के एसएसपी को तलब किया
पटना : तीन माह पूर्व हुए सोना चांदी के व्यापारी के अपहरण में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे नाराज पटना हाईकोर्ट ने गया के एसएसपी को तलब किया है अदालत ने एसएसपी को आगामी 25 अक्तूबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन तथा न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने पप्पू कुमार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है.
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन के बाद भी मुकदमा नहीं
पटना.स्टिंग ऑपरेशन में घूस लेते पकड़े गए पटना सिविल कोर्ट कर्मियों पर अब तक कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होने के खिलाफ एक जनहित याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गयी है. याचिकाकर्ता दिनेश कुमार ने हाईकोर्ट से गुहार लगायी है कि 15 नवंबर 2017 को रिपब्लिक टीवी पर स्टिंग ऑपरेशन दिखाया गया था.
इसमें पटना सिविल कोर्ट के कर्मियों को भ्रष्टाचार करते दिखाया गया था. इस घटना की सीबीआई जांच कराने की गुजारिश की गयी. साथ ही, जल्द से जल्द आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया. इस स्टिंग ऑपरेशन में पटना सत्र न्यायालय के कुछ स्टाफ शराबबंदी मामले में घूस मांगते और हाईकोर्ट आदेश की कॉपी जारी करने के एवज में मोटी रकम की मांग करते दिखायी पड़ रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से यह भी प्रार्थना की है कि हाईकोर्ट प्रशासन से इस बात की भी सफाई मांगी जाये कि स्टिंग ऑपरेशन हुए एक साल हो गये. लेकिन भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई.