सफाई ऐसी हो कि हर दिन छठ पर्व जैसा साफ दिखे शहर:हाईकोर्ट
पटना : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह एवं न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को राजधानी पटना के शौचालयों की दयनीय स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. शौचालयों की गलत तस्वीर पेश करने पर कोर्ट ने पटना नगर निगम को लगायी फटकार. अदालत ने खुद सेक्रेट्री से गंदे […]
पटना : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह एवं न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को राजधानी पटना के शौचालयों की दयनीय स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. शौचालयों की गलत तस्वीर पेश करने पर कोर्ट ने पटना नगर निगम को लगायी फटकार.
अदालत ने खुद सेक्रेट्री से गंदे शौचालयों की तस्वीर मंगायी. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि शहर की सफाई की ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससे शहर हर दिन छठ जैसा साफ दिखे. अदालत के तल्ख तेवर देखते हुए निगमायुक्त ने कहा कि छठ के पहले सफाई की स्थिति में सुधार कर लिया जायेगा. उनको तीन माह का समय मिले, तो सफाई के मामले में 312 वें स्थान पर रहनेवाले पटना को 25 वें स्थान पर ला देंगे.
वकील के आग्रह पर अवमानना का मामला टाला
सच्चाई सामने आने पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए नगर निगम के अधिवक्ता पर अवमाननावाद चलाने की बात करते हुए कहा कि उन्होंने गलत फोटो दिखा कर कोर्ट को गुमराह किया है. निगम के अधिवक्ता के काफी अनुरोध करने के बाद कोर्ट ने अवमानना का मामला नहीं चलाया. शौचालय की दयनीय स्थिति की जानकारी देने के लिए उपस्थित नगर निगम के आयुक्त ने स्वीकार किया कि शौचालयों की स्थिति दयनीय है.
उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया कि छठ पूजा तक पटना शहर की सफाई व्यवस्था से लेकर सभी स्थिति को सुधार लिया जायेगा. निगम आयुक्त को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि पटना की सफाई व्यवस्था ऐसी हो कि लगे कि हर दिन छठ पूजा है. इस पर नगर निगम आयुक्त द्वारा बताया गया कि सफाई के मामले में पटना शहर का 312वां स्थान है. अगर हमें तीन महीने का समय मिले, तो वह पटना को 25वें स्थान तक जरूर पहुंचा देंगे.
अदालत ने आयुक्त को कहा कि वे इस मामले में सुलभ शौचालय के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक से भी राय मशविरा कर सकते हैं. अदालत ने स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत मिली सात करोड़ की राशि जो राज्य सरकार को वापस की गयी है उसे भी वापस मंगाने का आदेश सरकार के अधिवक्ता को दिया है. इस मामले पर अब पांच नवंबर को सुनवाई होगी.
अदालत को नहीं दिखायी गयी थी सही फोटो
मामले की सुनवाई शुरू होने के साथ ही पूर्व के अदालती आदेश के आलोक में याचिकाकर्ता एवं पटना नगर निगम के अधिवक्ता द्वारा दरियापुर एवं मीठापुर बस स्टैंड के पास स्थित शौचालय की फोटो एवं वीडियो कोर्ट को दिखाया गया. कोर्ट ने पाया कि पटना नगर निगम के अधिवक्ता द्वारा मीठापुर गेट नंबर एक की जो फोटो दिखायी गयी वह गलत है.
निगम के वकील द्वारा कोर्ट को मीठापुर बस स्टैंड के शौचालय के बदले दूसरी फोटो दिखायी गयी. ऐसे मामले पर नाराज कोर्ट ने कहा कि उसे निगम द्वारा गुमराह किया जा रहा है. इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त को अदालत में तलब कर डाला और इसी बीच अपने सेक्रेटरी को मीठापुर बस स्टैंड भेज कर वहां के शौचालय के वर्तमान स्थिति की फोटो मंगवा ली, जिससे सच्चाई का पता चल सके.