कौमी एकता की मिसाल है बड़ी देवी जी दुर्गापूजा समिति
मनेर : विभाजन के दौर में जब चारों ओर अविश्वास का माहौल था तब मनेर भी उस दौर से अछूता नहीं रहा था. आज की तरह उस साल भी दशहरा और मुहर्रम की तारीख के बीच फसला न के बराबर था. तरीखे जैसे- जैसे नजदीक आती जा रही थी लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी. इस […]
मनेर : विभाजन के दौर में जब चारों ओर अविश्वास का माहौल था तब मनेर भी उस दौर से अछूता नहीं रहा था. आज की तरह उस साल भी दशहरा और मुहर्रम की तारीख के बीच फसला न के बराबर था. तरीखे जैसे- जैसे नजदीक आती जा रही थी लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी. इस आशंका के बीच मनेर के तत्कालीन जमींदार बाबू शीतल सिंह और ऑनरेरी मजिस्ट्रेट खान बहादुर कमरुद्दीन हुसैन खान ने आपसी सूझ-बुझ से बीच का एक नायाब रास्ता निकाला.
बतौर मिसाल एक दूसरे के त्योहर में सशरीर शामिल होने का फैसला हुआ. तय हुआ कि बड़ी देवी जी पूजा समिति और मुहर्रम कमेटी में दोनो कौमों के लोगों की भागीदारी अनिवार्य रूप से रहेगी. सन् 1946 में बड़ी देवी जी दुर्गापूजा समिति ने खान बहादुर कमरुद्दीन हुसैन खान को सर्वसम्मति से संरक्षक का ओहदा सौंपा गया. इन दोनों (जमींदार बाबू शीतल सिंह और खान बहादुर कमरुद्दीन हुसैन खान)के प्रयास से कौमी एकता पर कहीं से भी कोई आंच नहीं आयी.
सब कुछ शांतिपूर्वक गुजर गया. एक साल बाद जब देश आजाद हुआ तब कई लोग पाकिस्तान चले गये, लेकिन तब कायम की गयी कौमी एकता की यह मिसाल आजतक कायम है. खान बहादुर के परिवार के लोग तब से आजतक बड़ी देवी जी पूजा समिति में शामिल रहे हैं. पिछले बीस साल से पूजा समिति के उपसंरक्षक पद पर काबिज मनेर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष फरीद हुसैन खान उर्फ गुड्डू खान बताते हैं कि जो इतिहास नहीं जानते वे सवाल उठाते हैं, लेकिन जो हमारे पूर्वजों द्वारा रिवाज कायम की गयी है उसे आजतक मैं साथ लेकर चल रहा हूं. हमलोगों ने महसूस किया है कि बड़ी देवी जी की पूजा में मेरे या मेरे कौम के लोगों के शरीक होने से यहां के समाज में एक -दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ा है. एकता की कड़ियां मजबूत हुई हैं. बड़ी देवी पूजा समिति जी हिंदू- मुस्लिम एकता के प्रतीक है.
इसके अलावा मो मोअज्जम और मो नजरुल हक श्रीश्री बड़ी देवी जी पूजा समिति के सदस्य हैं. सहयोग राशि के साथ ही बढ़-चढ़ कर पूजा में भाग लेते हैं. इसके अलावा पूजा समितियों के द्वारा हर मुस्लिम मोहल्ले से चंदा लिया जाता है. हर मुस्लिम भाई पूजा के लिए समिति को चंदा देते हैं. बड़ी देवी जी पूजा समिति के संरक्षक व भाजपा नेता पूर्व विधायक प्रो श्रीकांत निराला ने बताया की पूजा समिति द्वारा मुहर्रम में होनेवाले अखाड़े को पांच हजार रुपये दिया जाता है. यहां दशहारा व मुहर्रम दोनों में हिंदू और मुस्लिम बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.