पटना : भूमि विवाद से आमजन ही नहीं ‘सरकार’ भी परेशान
भूमि विवाद को लेकर एक्शन में हैं मुख्यमंत्री प्रदेश के पांच जिलों में 75 सामुदायिक भवनों के निर्माण में अड़ंगा पटना : भूमि विवाद से आमजन ही परेशान नहीं है, ‘सरकार’ भी परेशान है. इसकी वजह से सरकार की कई परियोजनाओं में अड़ंगा लग रहा है. सड़क चौड़ीकरण से लेकर अन्य विकास की परियोजनाओं में […]
भूमि विवाद को लेकर एक्शन में हैं मुख्यमंत्री
प्रदेश के पांच जिलों में 75 सामुदायिक भवनों के निर्माण में अड़ंगा
पटना : भूमि विवाद से आमजन ही परेशान नहीं है, ‘सरकार’ भी परेशान है. इसकी वजह से सरकार की कई परियोजनाओं में अड़ंगा लग रहा है. सड़क चौड़ीकरण से लेकर अन्य विकास की परियोजनाओं में भूमि विवाद बाधक बन रहा है.
ताजा मामला महादलितों से जुड़ा है. सरकार ने महादलितों के लिए सामुदायिक भवन सह वर्क शेड निर्माण की योजना बनायी. इसको लेकर तेजी से काम भी शुरू हुआ. कई जगह निर्माण का काम पूरा भी हो गया है.
परंतु तमाम ऐसे स्थान भी हैं, जहां भूमि विवाद सामने आया है. प्रदेश के पांच जिलों में 75 सामुदायिक भवनों के निर्माण में बाधा आ रही है. समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयी है. बता दें कि भूमि विवाद को लेकर मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक को टास्क दिया गया है. इनके स्तर से थाना और अनुमंडल स्तर तक मॉनीटरिंग हो रही है. मुख्यमंत्री के संज्ञान में आ चुका है कि तमाम वारदातों की वजह भी भूमि विवाद ही है.
3238 भवनों का काम पूरा, 722 का निर्माण अब भी अधूरा
महादलितों के लिए प्रदेश में 4065 सामुदायिक भवन सह वर्क शेड के निर्माण का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है.यह लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2010-11 से 1015-16 तक के लिए तय था. इसको लेकर सरकार तेजी से काम कराने को लगातार समीक्षा कर रही है. समीक्षा में जानकारी मिली कि 3238 भवनों का काम पूरा हो चुका है. 722 भवनों का निर्माण अभी अपूर्ण है.
दूसरी ओर, समीक्षा बैठक में यह जानकारी मिली कि सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण में 21 स्थानों पर सामुदायिक भवन के निर्माण में जमीनी विवाद सामने आया है. वैशाली में 20 और मुजफ्फरपुर में 15 जगह भूमि विवाद के कारण अड़ंगा है. इसके बाद बारी आती है समस्तीपुर की. समस्तीपुर में 18 और शेखपुरा में एक जगह भूमि विवाद के कारण सामुदायिक भवन निर्माण में बाधा आ रही है.