एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा हूं: उपेंद्र कुशवाहा
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र में सत्तारुढ़ एनडीए का साथ छोड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ मजबूती से खड़ी है और देशहित में अगले पांच वर्षों के लिए नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र में सत्तारुढ़ एनडीए का साथ छोड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ मजबूती से खड़ी है और देशहित में अगले पांच वर्षों के लिए नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की खातिर प्रतिबद्ध है.
कुशवाहा ने जोर दिया कि उनकी पार्टी उच्च न्यायपालिका में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए ‘हल्ला बोल, दरवाजा खोल’ अभियान को आने वाले समय में पूरी ताकत से आगे बढ़ायेगी.
कुशवाहा ने बातचीत में कहा कि एनडीए गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रहा है, हम एनडीए को मजबूत बनाने के लिए लगे हैं और लगे रहेंगे. उनके खीर संबंधी कथित बयान के बारे में पूछे जाने पर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने कहा कि इसका गलत अर्थ निकाला गया. इसका संदेश समाज के लिए था, यह कोई राजनीतिक बयान नहीं था. उनके अनुसार, उनके कहने का आशय था कि समाज के अलग अलग वर्गों से चीजें आएं और उनसे खीर बने तो समाज का तानाबाना मजबूत होगा और देश मजबूती से आगे बढ़ेगा. कुशवाहा ने कहा कि किसी यदुवंशी के यहां से दूध आये, ब्राह्मण के यहां से चीनी, पिछड़े के यहां से पंचमेवा, दलित के यहां से तुलसी आये और यह सामग्री मिला कर बनी खीर अगर मुसलमान भाई के दख्तरखान पर बैठकर खाई जाये, तो देश को ताकत मिलेगी. यही तो ‘सबका साथ, सबका विकास’ का आशय है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख ने कहा कि इस बयान का कोई राजनीतिक मतलब नहीं था, लेकिन लोग कयास लगाने के लिये स्वतंत्र हैं.
यह पूछे जाने पर तेजस्वी यादव एवं राजद के कुछ नेताओं ने आपके विपक्षी महागठबंधन में शामिल होने के संकेत दिये हैं, कुशवाहा ने कहा कि उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी. भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बात चल रही है, लेकिन इस बारे में उचित मंच पर ही चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के मुद्दे समाज का संपूर्ण विकास, शिक्षा, समानता का अवसर प्रदान करना और अनुसूचित जाति, जनजाति एवं ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा करना आदि हैं. कुशवाहा ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिये सबसे बड़ा मुद्दा उच्च न्यायपालिका में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्रदान करना है, जो कॉलेजियम प्रणाली के कारण संभव नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने जजों की बहाली की कॉलेजियम प्रणाली को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने हल्ला बोल, दरवाजा खोल अभियान शुरू किया है, ताकि उच्च न्यायपालिका में सभी वर्गों के आम लोगों के लिए रास्ता साफ हो सके. कुशवाहा ने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में इस बारे में चिंता जता चुके हैं.