फुलवारीशरीफ : जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार के खिलाफ पटना एम्स के मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ सीएम सिंह ने फुलवारीशरीफ थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने, जूनियर डॉक्टरों और गार्ड के साथ मारपीट, गाली-गलौज, बदसलूकी, जान से मारने की धमकी देने आदि मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
यह प्राथमिकी पटना एम्स में रविवार की रात हुई उस घटना के बाद दर्ज करायी गयी है, जब रविवार की देर शाम जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समर्थकों के साथ एम्स में आॅर्थाेपेडिक विभाग में भर्ती एआईएसएफ के महासचिव सुशील कुमार को देखने गये थे.
करीब 50 लोगों के साथ हड्डी रोग वार्ड में घुसने से कन्हैया कुमार को रोका गया, तो विवाद गहरा गया. समर्थकों के साथ डाॅक्टरों और नर्सों के साथ अभद्र व्यवहार किया. सुरक्षा गार्ड पहुंचे, तो कन्हैया व समर्थकों ने उन्हें पीट दिया. गौरतलब है कि सुशील कुमार के कंधे की चोट का ऑपरेशन हुआ है, जिन्हें देखने कन्हैया एम्स गये थे.
चिकित्सकों की हड़ताल से कुछ घंटों के लिए सांसत में फंसे मरीज : पटना एम्स में कुछ घंटे के लिए जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बन गयी. जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार व जूनियर डॉक्टरों के विवाद के कारण एम्स में इलाज व्यवस्था चरमरा गयी. ट्रॉमा में भी मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह नौ बजे से 12 बजे कुल तीन घटे कई मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी. एफआईआर के बाद सभी काम पर लौटे.
सुरक्षा संबंधी मांगों को मान लिया गया
डॉक्टरों के रोकने पर पब्लिक प्लेस होने की बात कह कन्हैया उलझ गये. फिलहाल एम्स के जूनियर डॉक्टरों और अटेंडेंट की सुरक्षा संबंधी मांगों को मान लिया गया है. अब कोई समस्या नहीं है.
– डॉ सीएम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सह फैकल्टी एसोसिएशन के सचिव, एम्स पटना
गुंडागर्दी की पराकाष्ठा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एम्स में डाक्टरों के साथ कन्हैया कुमार द्वारा मारपीट किये जाने की निंदा की है. कहा, कन्हैया का यह आचरण न सिर्फ निंदनीय है बल्कि गुंडागर्दी की पराकाष्ठा है.