पटना : वीटीआर में पहुंचने में बाधा बनीं खस्ताहाल सड़कें
बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया पटना : बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व वीटीआर 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया, लेकिन यहां टूटी सड़क से पहुंचना मुश्किल हो रहा है. हालत यह है कि यहां बेतिया से पहुंचने के लिए मुख्य सड़क मार्ग (एनएच […]
बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया
पटना : बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व वीटीआर 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया, लेकिन यहां टूटी सड़क से पहुंचना मुश्किल हो रहा है. हालत यह है कि यहां बेतिया से पहुंचने के लिए मुख्य सड़क मार्ग (एनएच 28बी) करीब 70 किमी तक जर्जर हाल में है.
इस कारण बहुत लोग चाहकर भी वहां घूमने नहीं जा पाते. वहीं, राज्य सरकार इसे इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने का लगातार प्रयास कर रही है.
हाल ही में वहां की बहुत-सी पर्यटन सुविधाओं का शुल्क करीब आधा कर दिया गया है. इस समय यहां बाघों की संख्या करीब 36 है. हालांकि, वीटीआर में हर साल पहुंचने वाले पर्यटकों की बात करें तो उनकी संख्या में बढ़ोतरी देश के अन्य टाइगर रिजर्व के मुकाबले कम है.
यहां वर्ष 2015-16 में करीब 20 हजार पर्यटक पहुंचे. वर्ष 2016-17 में 35 हजार और वर्ष 2017-18 में करीब 40 हजार पर्यटक पहुंचे. पर्यटकों के कम पहुंचने का कारण वहां आधुनिक सुविधायुक्त होटल का अभाव था. साथ ही पर्यटकों को जंगल में घुमाने के लिए केवल चार गाड़ियां थीं. एक गाड़ी पर चार-पांच लोग ही सवार हो सकते थे.
पर्यटकों के लिए सुविधाओं का हो रहा विकास
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने एनएच 28बी की जर्जर हालत पर कहा कि इसके बनने में पर्यावरण एवं वन विभाग से अनुमति का इंतजार है. पर्यावरण के मानकों के कारण इस सड़क को बनाने का काम रुका हुआ है.
वीटीआर डिवीजन-1 के डीएफओ अम्बरिश कुमार मल्ल ने बताया कि इस बार इको टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. पर्यटकों की हर तरह की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए खास इंतजाम किये जा रहे हैं. ऑनलाइन बुकिंग सुविधा भी नवंबर से शुरू हो जायेगी.