2.5 लाख कर्ज नहीं चुकाया तो जमीन की रजिस्ट्री करने का दे रहे थे दबाव, मजदूर ने की खुदकुशी
पटना : राजधानी पटना के दीघा थाने अंतर्गत गेट नंबर 93 में रहने वाले मजदूर दीनानाथ चौधरी (50) ने खुदकुशी कर ली. उन्होंने गमछे से फांसी का फंदा बनाया और झूल गया. इस घटना को उन्होंने बुधवार को दिन में ही अंजाम दिया. इस घटना के बाद दीनानाथ चौधरी के छोटे भाई पप्पू चौधरी ने […]
पटना : राजधानी पटना के दीघा थाने अंतर्गत गेट नंबर 93 में रहने वाले मजदूर दीनानाथ चौधरी (50) ने खुदकुशी कर ली. उन्होंने गमछे से फांसी का फंदा बनाया और झूल गया. इस घटना को उन्होंने बुधवार को दिन में ही अंजाम दिया. इस घटना के बाद दीनानाथ चौधरी के छोटे भाई पप्पू चौधरी ने दीघा के ही तीन लोग मंटू राय, मुक्छी राय व रामनाथ राय पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है और दीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है. भाई के अनुसार ये तीनों उनके पांच धूर जमीन को उनके नाम करने के लिए दबाव बना रहे थे और इसके कारण भाई दीनानाथ चौधरी परेशान थे. पप्पू ने बताया कि उन तीनों के खिलाफ दीघा थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है. दीघा थानाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने बताया कि तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया गया है. पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.
पैसा लौटाने के लिए गये थे थाना और लौटे तो कर ली आत्महत्या
सूत्रों के अनुसार दीनानाथ चौधरी अपने भाई के साथ गेट नंबर 93 स्थित आवास पर रहते थे. उन्होंने कर्ज के तौर पर ढ़ाई लाख रुपये लिये थे. मंटू राय, मुक्छी राय व रामनाथ उस पैसे को देने के समय एग्रीमेंट बनवा लिया था. और, अब पैसे मांग रहे थे. दीनानाथ पैसे नहीं होने के कारण कुछ समय मांग रहे थे. भाई पप्पू के मुताबिक वे लोग उनकी जमीन की अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाना चाह रहे थे. इस पर उन लोगों ने पैसे को देने के लिए मोहलत मांगी थी. लेकिन वे लोग हमेशा परेशान करते थे. इस बात की शिकायत दीघा थाने में भी की गयी थी और वहां उन लोगों को बुलाया गया था.
12 अक्टूबर को वे लोग थाना पर गये थे और स्टांप पेपर पर पैसे देने की बात लिखने पर समझौता हुआ था. वे लोग एक साल का समय मांग रहे थे लेकिन उन्हें पांच माह से ज्यादा समय नहीं दे रहे थे. इसके बाद बुधवार को स्टांप पेपर लेकर अपने भाई दीनानाथ के साथ थाना पर गये थे. लेकिन, वहां पुलिस ने जानकारी दी कि समझौता का पत्र वार्ड काउंसलर से बनवा लें या फिर न्यायालय में बनवा लें. इसके बाद वे लोग वापस ले आये. समझौता नहीं हुआ तो भाई दीनानाथ परेशान हो गये थे. इसके बाद सभी घर पर आये और नाश्ता करने के बाद चाय पी. भाई फिर अपने कमरे में आराम करने चले गये और इसी दौरान उन्होंने खुदकुशी कर ली.