पटना सिटी: मौसम में उतार-चढ़ाव और दूषित पानी की आपूर्ति से पटना सिटी में फिर से डायरिया-पीलिया आदि बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है. बीमारी से पीड़ित एक दर्जन से अधिक रोगियों का इलाज नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल व गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में चल रहा है. साथ ही निजी क्लिनिक में भी मरीजों की भीड़ जुट रही है.
वहीं अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त दवा की सुविधा नहीं मिल पा रही है. श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में डीएनएस की स्लाइन नहीं है. वहीं डॉक्टर इस मौसम में बच्चों को फास्ट फूड खिलाने से मना करते हैं. इससे बच्चों को पीलिया व डायरिया होने की संभावना कम हो जाती है.
आधा दर्जन मरीज भरती
श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में भी बीमारी से पीड़ित आधा दर्जन मरीज को भरती कराया गया है. इसमें मीना देवी, धनराज, 11 माह का सोनू साह, बाल्मिकी कुमार के साथ अन्य मरीज शामिल हैं. इसी प्रकार से नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो दिनों के अंदर बीमारी से पीड़ित आधा दर्जन मरीज को अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में भरती कराया गया है. निजी क्लिनिक में भी लगातार इन बीमारियों के मरीज आ रहे हैं.
दूषित पानी व गंदगी से बीमारी
गली मुहल्लों में कायम गंदगी के साथ पुराने व जजर्र हो चुके जलापूर्ति पाइप से हो रही पानी की आपूर्ति के कारण बीमारी फैल रही है. इस तथ्य को चिकित्सक भी मान रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार पेयजल संकट ग्रस्त मुहल्ले में स्थिति यह है कि लोग कुआं व चापाकल से पीने की पानी जुगाड़ कर रहे हैं. ऐसे में कुएं के दूषित पानी के इस्तेमाल से भी बीमारी का खतरा कायम है. इसलिये पानी को उबाल कर ही पियें.
बच्चों को शुद्ध पानी ही दें
फास्ट फूड, ठंडा व बासी भोजन बच्च न खाने पाये, इस बात का ध्यान गरमी व बरसात के मौसम में मां को रखना होगा. तभी बच्चे स्वस्थ्य रह पायेंगे. इससे डायरिया व पीलिया से भी बच्चों का बचाव हो सकेगा. यह कहना है श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ एसके पंसारी व डॉ अरविंद कुमार का. बच्चों को ताजा व शुद्ध भोजन के साथ स्वच्छ पानी भी दें. चिकित्सकों के अनुसार अस्पताल में प्रतिदिन आधा दर्जन बच्चे ऐसी बीमारी के आ रहे है.