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पटना : तेजस्वी अपने साहब की चौखट पर माथा टेकने गये : संजय सिंह
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव अब शहाबुद्दीन शरणम गच्छामि की भाव मुद्रा में आ गये हैं. उन्होंने फिर से यह साबित कर दिया कि उनका परिवार आज भी अपराधियों के शरण में है. सीवान पहुंचकर वे सबसे पहले अपने साहब की […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव अब शहाबुद्दीन शरणम गच्छामि की भाव मुद्रा में आ गये हैं. उन्होंने फिर से यह साबित कर दिया कि उनका परिवार आज भी अपराधियों के शरण में है. सीवान पहुंचकर वे सबसे पहले अपने साहब की चौखट पर माथा टेकने गये.तेजस्वी को गंभीरता से महसूस करना चाहिए कि नैतिकता पर भाषणबाजी करना और उस पर अमल करना दोनो में फर्क है. उनका परिवार उन अपराधियों के बूते शासन करता रहा जिनके खौफ से बिहार की जनता सिसकती रही. आज भी उनके ही रहमोकरम पर यात्रा कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव प्रतापपुर अपने साहेब में आस्था व्यक्त करने तो चले गये लेकिन उनके परिवार ने आजतक उस पिता का दर्द बांटने की कोशिश नहीं कि जिनके बेटों की हत्या का केस उनके ही साहब पर चल रहा है. साहस था तो चंदा बाबू का सामना करते. जंगलराज की पहचान रहे दो शख्स आज सलाखों के पीछे हैं. कोई रांची में तो कोई दिल्ली में अपने कर्मों की सजा झेल रहा है. बावजूद इसके तेजस्वी जंगलराज रिटर्न्स की कहानी गढ़ने सीवान पहुंच गये.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार के युवाओं में कलम की बजाय लाठी देने का काम किया. बहुत मुश्किल से बिहार के युवाओं ने लाठी छोड़कर कलम पकड़ी है और फिर से राजद नेता मुठ्ठी बंद करने की बात कह रहे. उनकी इस सोच पर तरस आता है. तेजस्वी यात्रा छोड़कर ऐसे ही महापुरुषों के यहां जाये, जिन्होंने हत्या की हो, दुष्कर्म के आरोपी हो, जिन्होंने घोटाला किया हो , ऐसे ही लोग उनके आइडियल होते है . तेजस्वी को उसी सिवान में देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की याद नहीं आयी.
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