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फुलवारीशरीफ : कारबाइन से चली गोली, बीएमपी में हवलदार की मौत

हत्या, खुदकुशी या दुर्घटना के बिंदु पर जांच कर रही पुलिस, करायी गयी घटनास्थल की जांच पटना/फुलवारीशरीफ : एयरपोर्ट थाने के वेटनरी इलाके में स्थित बीएमपी 10 के परिसर में समस्तीपुर बीएमपी में तैनात हवलदार मो शमीम अहमद (उम्र 54 वर्ष) के कारबाइन से तीन गोलियां चलीं और उनकी कनपटी में लग गयी. इससे घटनास्थल […]

हत्या, खुदकुशी या दुर्घटना के बिंदु पर जांच कर रही पुलिस, करायी गयी घटनास्थल की जांच
पटना/फुलवारीशरीफ : एयरपोर्ट थाने के वेटनरी इलाके में स्थित बीएमपी 10 के परिसर में समस्तीपुर बीएमपी में तैनात हवलदार मो शमीम अहमद (उम्र 54 वर्ष) के कारबाइन से तीन गोलियां चलीं और उनकी कनपटी में लग गयी. इससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है.
हालांकि परिजन इसे हत्या करार दे रहे हैं. उन्हें किस परिस्थिति में गोली लगी, इसे किसी ने नहीं देखा. गोली की आवाज सुन कर बगल में ही ड्यूटी कर रहा जवान सुशील पहुंचा, तो उसने मो शमीम को खून से लथपथ चौकी पर पाया और देखा की जमीन पर कारबाइन पड़ी हुई है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी मनु महाराज, सचिवालय डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर भी पहुंचे और मामले की छानबीन की.
इसके बाद एफएसएल से जांच करायी गयी. इसके अलावा एफएसएल की बैलेस्टिक टीम से जांच करायी गयी. एफएसएल की टीम ने कारबाइन से फिंगर प्रिंट लिया. इसके साथ ही जीएसआर की भी जांच करायी गयी. इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि फायरिंग उनके हाथ से हुई थी या फिर दुर्घटना के कारण गोली चली है. इसके पीछे का कारण यह बताया जाता है कि कारबाइन अगर भूलवश गिर जाता है, तब उससे भी कभी-कभी अपने आप ही फायरिंग हो सकती है. इसलिए इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है.
हथियार व मैगजीन की सुरक्षा में थे तैनात
एफएसएल की जांच के बाद ही शव को वहां से हटाया गया और फिर पोस्टमार्टम कराया गया. हवलदार मूल रूप से आरा के टाउन थाने के हफीज कॉलोनी के रहने वाले हैं. वे समस्तीपुर के बीएमपी में कार्यरत थे. समस्तीपुर की बीएमपी की टीम फिलहाल दूसरे राज्य में चुनाव कराने गयी है. इसलिए उनके हथियार व मैगजीन की सुरक्षा के लिए पटना के बीएमपी 10 में दो हवलदार व छह जवानों को तैनात किया गया था. इन दो हवलदारों में मो शमीम भी शामिल थे.
इधर, घटना की जानकारी मिलने पर हवलदार के परिवार पटना पहुंच गये. परिजनों ने पुलिस कोयह जानकारी दी है कि शमीम ड्यूटी के बोझ से कुछ दिनों से तनाव में चल रहे थे. परिजनों के अनुसार इस बात का जिक्र भी उन्होंने किया था. इसके साथ ही परिजन घटना को आत्महत्या के बजायहत्या बता रहे थे.
सुबह साढ़े सात बजे की है घटना
बुधवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे हवलदार व जवान अपनी ड्यूटी पर थे. इसी बीच हवलदार गोली लगने से खून से लथपथ हो कर गिर पड़े और उनकी मौत हो गयी. सूत्रों का कहना है कि घटना के कुछ देर पूर्व ही उन्हें किसी का फोन आया था और फिर यह घटना घटित हुई.
पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच कर रही है. जहां घटना हुई है वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं था. मामले में खुदकुशी की संभावना इसलिए जतायी जा रही है क्योंकि जहां घटना हुई है, उस समय कई लोग जाग चुके थे और उनके ही हथियार से हत्या करने की बात सही नहीं लग रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि यह मामला खुदकुशी का है, हत्या है या फिर दुर्घटना है, इन सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है. इसके लिए एफएसएल से जांच करायी गयी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है.
परिजनों का बुरा हाल
हवलदार शमीम की मौत की खबर सुन कर पत्नी सईदा परवीन, तीन पुत्र साजिद अहमद, इब्राहिम, तनवीर और एक बेटी रुकसार परवीन का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था.
फुलवारीशरीफ में रहने वाला भांजा भी मौत की खबर मिलने पर बीएमपी पहुंचा था. मृतक के पुत्र साजिद ने बताया कि उसके पिता इसी बकरीद पर घर आये थे और परिवार के साथ पर्व मना कर वापस ड्यूटी पर लौट गये थे. मृतक के पिता ने बताया था कि वे ड्यूटी के बोझ से बहुत ही ज्यादा परेशान हैं.
बगल के बीएमपी 14 के कोषाध्यक्ष जुबैर खान और बीएमपी 14 के ही मंत्री राजनाथ राम भी साथी की मौत की खबर सुन कर मर्माहत थे. उन दोनों ने बताया कि सुबह में साथियों के साथ चाय वगैरह भी उन्होंने पी थी और शेविंग की थी. बीएमपी 10 के कमांडेंट दीपक रंजन ने बताया कि उन्हें पहले से उनके बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. वे 10 दिन पहले ही यहां आये थे.

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