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आरक्षण के जिन्न से किला फतह की कोशिश में राजद
पटना : वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू गठबंधन की जीत का सबसे बड़ा कारण रहे आरक्षण का जिन्न एक बार फिर उभर रहा है. राजनीतिक फायदे के लिए मुख्य विपक्षी दल राजद आरक्षण के इस जिन्न को उभारने की कोशिशों में जुटा है. संविधान बचाओ न्याय यात्रा पर निकले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद […]
पटना : वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू गठबंधन की जीत का सबसे बड़ा कारण रहे आरक्षण का जिन्न एक बार फिर उभर रहा है. राजनीतिक फायदे के लिए मुख्य विपक्षी दल राजद आरक्षण के इस जिन्न को उभारने की कोशिशों में जुटा है. संविधान बचाओ न्याय यात्रा पर निकले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी सभाओं में लोगों को यह एहसास दिलाने में जुटे हैं कि अगर दोबारा नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो आरक्षण खत्म हो जायेगा.उनके साथ ही पार्टी के दूसरे बड़े नेता भी गंभीरता से इस मुद्दे को जनता के बीच उठा रहे हैं.
दिखा रहे डर, लौट आयेगा 1990 से पहले का वक्त
मंडल राजनीति से 1990 में सत्ता में आये लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव फिर से उस दौर को उभारने का प्रयास कर रहे हैं. छपरा, सीवान और बेतिया की न्याय यात्रा सभाओं में तेजस्वी ने साफ कहा कि देश का संविधान खतरे में है. इसका मतलब गरीबों, शोषितों और वंचितों का आरक्षण भी खतरे में है.
आरक्षण खत्म होने पर फिर से वही 1990 के पहले वाला दिन देखना पड़ेगा. लोगों को मंदिर में आने से रोक दिया जायेगा. बड़ा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस, मोहन भागवत व प्रधानमंत्री मोदी दलितों का अधिकार आरक्षण छीनना चाहते हैं.
पीएम ने खुद कहा आरक्षण था, है और रहेगा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि जनता आरक्षण को लेकर फैलाये जा रहे किसी प्रकार के भ्रम में नहीं पड़ेगी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आरक्षण था, है और रहेगा. सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
जब तक उनका सही तरीके से विकास नहीं हो जाता, तब तक यह समाप्त नहीं होगा. जहां तक अारएसएस की बात है, संगठन कभी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा है. संघ ने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान की बात कही है. वर्ष 2015 में भी मोहन भागवत जी की बातों को इंटरप्रेट किया गया.
‘आरएसएस-भाजपा आरक्षण की समर्थक नहीं’
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं कि आरएसएस-भाजपा कभी आरक्षण की समर्थक नहीं रही. इस मुद्दे पर इनकी विचारधारा स्पष्ट नहीं है. ये साधन की शुचिता में यकीन करने वाले लोग नहीं हैं. एक ओर यह कहते हैं कि संविधान में भरोसा है, दूसरी तरफ कहते हैं कि हम हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनायेंगे. देश के सभी नागरिक भारतीय नहीं, हिंदू हैं.
ये लोग तो बाबा साहेब के संकल्प पर ही सवाल उठा रहे हैं.
ओबीसी का 27 प्रतिशत कोटा अब तक पूरा नहीं हो पाया है. मंत्रिमंडल में सवर्णों का वर्चस्व है. हाल तक आरएसएस मुख्यालय में राष्ट्रीय झंडा तक नहीं फहरता था.
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