बिहार में सत्ता संग्राम: कुशवाहा को पसंद नहीं आया भाजपा-जदयू का 50-50 फॉर्मूला ? तेजस्वी से मिले
अरवल : बिहार की राजनीति में शुक्रवार का दिन खास रहा. एक ओर जहां दिल्ली में भाजपा और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी, वहीं दूसरी ओर अरवल के सर्किट हाउस में पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव और एनडीए के घटक दल रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात […]
अरवल : बिहार की राजनीति में शुक्रवार का दिन खास रहा. एक ओर जहां दिल्ली में भाजपा और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी, वहीं दूसरी ओर अरवल के सर्किट हाउस में पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव और एनडीए के घटक दल रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात से राजनीतिक हलचल तेज हो गयी.
हालांकि इस मुलाकात को दोनों नेता महज एक संयोग बता रहे हैं, लेकिन बंद कमरे में दोनों की मुलाकात ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. राजनीति के जानकार उपेंद्र के पूर्व में दिये गये बयानों और इस मुलाकात को जोड़ कर देख रहे हैं. मालूम हो कि पहले भी उपेंद्र कुशवाहा के राजद में जाने को लेकर चर्चाएं होती रही हैं, हालांकि हर उन्होंने इसका खंडन किया है. अब एक बार फिर सीट बंटवारे के बाद दोनों की मुलाकात से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के साथ रहेंगे या महागठबंधन में जायेंगे, यह तो भविष्य ही बतायेगा, लेकिन तेजस्वी से उनकी मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के संग मुलाकात को तेजस्वी ने भी संयाेग करार दिया. उन्होंने कहा कि लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. हमने पहले भी उनको न्योता दे रखा था. स्वीकार करना न करना वो तय करेंगे. आज की अमित शाह और नीतीश जी की मुलाकात कहीं न कहीं रामविलास और उपेंद्र कुशवाहा जी को नीचा दिखाने का प्रयास है.