बिहार में भाजपा-जदयू सीट बंटवारा : बराबरी की हिस्सेदारी में जाहिर हुई नीतीश की अहमियत
अजय कुमार पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए में अपनी अहमियत साबित की. पिछले लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने वाला जदयू अब बदले हालातों में भाजपा के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगा. भाजपा नेतृत्व ने नीतीश के चेहरे को तवज्जो […]
अजय कुमार
हाल-हाल तक प्रेक्षक यह अनुमान लगा रहे थे कि एनडीए में सहयोगी दलों की तुलना में भाजपा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी. भले ही यह एक सीट अधिक क्यों न हो. भाजपा-जदयू के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुई बातचीत में नीतीश कुमार की छवि भारी पड़ी और उन्हें बराबर की हिस्सेदारी देने पर सहमति बनी. बराबर-बराबर सीटों के फार्मूले में जदयू की ओर से यह तर्क दिया गया लगता है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उसने कैसे अपनी सीटें कम कर दी थीं. उस चुनाव में जदयू और राजद ने 101-101 यानी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि 2010 के चुनाव में जदयू को 115 सीटों पर जीत मिली थी. राजद सिमट कर 22 पर आ गया था. पर चुनाव में जीत हासिल करने के रास्ते में ‘एक कदम आगे-दो कदम पीछे’ होकर बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. 2015 के चुनाव में इस फार्मूले ने अपना असर दिखाया था. तब भाजपा 55 सीटों पर थम गयी थी.