पटना : बिहार में सत्तारूढ़ राजग द्वारा राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला घोषित किये जाने के एक दिन बाद शनिवार को विपक्षी महागठबंधन के दो प्रमुख घटकों राजद और कांग्रेस के सीटों के बंटवारे को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई दिये. बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि गठबंधन के लिये सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस और राजद आला कमान द्वारा अंतिम फैसला किया जायेगा. यह प्रक्रिया पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की हलचल पूरी तरह थमने के बाद ही पूरा होने की उम्मीद है.
दूसरी ओर राजद विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने हालांकि दावा किया कि गठबंधन में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक तय हो जायेगा. इस गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) शामिल है और वाम दलों के साथ भी गठबंधन का चुनावी तालमेल हो सकता है.
वहीं, कादरी ने बताया कि मुझे नहीं पता कि राजद नेता किस आधार पर यह दावे कर रहे हैं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा ऐसा कोई भी फैसला प्रदेश इकाई की चुनाव समिति की अनुशंसा के आधार पर लिया जायेगा. स्वाभाविक रूप से राजद के सर्वोच्च नेतृत्व को भी इस प्रक्रिया से अवगत रखा जायेगा.’उन्होंने कहा, चुनाव समिति को अभी गठित किया जाना है. ऐसी किसी कवायद के मध्य दिसंबर से पहले होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि समूची पार्टी मशीनरी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों में अहम विधानसभा चुनावों में व्यस्त है.
ऐसी अटकलें हैं कि जिस प्रकार भाजपा ने बिहार में अपनी कुछ मौजूदा लोकसभा सीटों को छोड़ने और नीतीश कुमार की जदयू को अपने बराबर सीटें देने पर सहमति जतायी है, उसी प्रकार कांग्रेस भी अपने पुराने सहयोगी राजद ऐसी मांग कर सकती है. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों और उसके एक साल बाद प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे पर सहमति न बनने के बाद अलग-अलग चुनाव लड़ा था. इसके चलते दोनों दलों को नुकसान उठाना पड़ा और राजग को शानदार जीत मिली. कादरी ने यह नहीं बताया कि कांग्रेस कितनी सीटों के लिये मांग करेगी लेकिन कहा कि सबसे पहला पैमाना जीत होगा. हम संबंधित पार्टी के लिये सीटों की संख्या जैसे छोटी बात पर जुबानी जंग में नहीं पड़ेंगे.