पटना : ‘कुपोषण से जंग में शराबबंदी कारगर हथियार’

पटना : नीति आयोग के सदस्य डाॅ रमेश चंद ने बिहार में जारी शराबबंदी की तारीफ करते हुए कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में यह कारगर हथियार साबित हो सकता है. इस दिशा में सोचने और करने की जरूरत हैं. सही पोषण के लिए कई स्तरों पर काम करना होगा. सिर्फ खेती के जरिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2018 8:02 AM
पटना : नीति आयोग के सदस्य डाॅ रमेश चंद ने बिहार में जारी शराबबंदी की तारीफ करते हुए कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में यह कारगर हथियार साबित हो सकता है. इस दिशा में सोचने और करने की जरूरत हैं.
सही पोषण के लिए कई स्तरों पर काम करना होगा. सिर्फ खेती के जरिये कुपोषण से नहीं निबटा जा सकता है. इसके लिए मछली, मांस, दूध और बागवानी को बढ़ावा देना होगा. बिहार में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए बहुपक्षीय दृष्टिकोण पर काम करना होगा.
वे सोमवार को बिहार में कृषि, खाद्य सुरक्षा और पोषण विषय पर आईएचडी-आईजीआईडीआर द्वारा आयोजित परामर्श कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला में कृषि विकास को बढ़ाने और बिहार में खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा की गयी. डाॅ चंद ने कहा कि महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद देश को कुपोषण की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देश भी भारत की तुलना में पोषण में बेहतर हैं. भारतीय राज्यों में बिहार की स्थिति सबसे खराब है. प्रति व्यक्ति अनाज की खपत अखिल भारतीय औसत से अधिक है. पौष्टिक भोजन के मामले में बिहार अन्य राज्यों से पीछे है. दूध, मछली और मांस की प्रति व्यक्ति खपत अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है. अंडे की प्रति व्यक्ति खपत अन्य राज्यों की तुलना में आधा है. राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में काफी सुधार हुआ है.
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च मुंबई के निदेशक और कुलपति प्रोफेसर एस महेंद्र देव ने स्पंदन परियोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला. मानव विकास संस्थान के प्रोफेसर आलख शर्मा ने कहा कि पोषण एक जटिल घटना है जिसके लिए बहुमुखी रणनीतियों की आवश्यकता होती है. कृषि और खाद्य सुरक्षा पोषण स्तर को बढ़ाने में विशेष रूप से बिहार जैसे राज्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जहां 7 0 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर हैं. खाद्य टोकरी विविधीकरण पौष्टिक भोजन की ओर एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.

Next Article

Exit mobile version