पटना : हर गंगा घाट की निगरानी करेंगे अधिकारी, टीम गठित

निगरानी टीम में बुडको के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है पटना : निगम प्रशासन की ओर से गंगा के 92 घाटों के साथ-साथ तालाबों पर छठ पूजा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. गंगा घाटों व तालाबों पर तैयारी में कमी नहीं रहे. इसको लेकर नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2018 9:00 AM
निगरानी टीम में बुडको के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है
पटना : निगम प्रशासन की ओर से गंगा के 92 घाटों के साथ-साथ तालाबों पर छठ पूजा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. गंगा घाटों व तालाबों पर तैयारी में कमी नहीं रहे. इसको लेकर नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने एक-एक घाट व अंचलों के तालाबों की निगरानी के लिए टीम गठित कर दी है. इस निगरानी टीम में बुडको के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है.
निगरानी टीम में अपर नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त, उप निदेशक, बुडको के परियोजना पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता आदि को शामिल किया गया है और अधिकारयों की जिम्मेदारी तय की गयी है. सोमवार को नगर आयुक्त ने घाटों पर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी करते हुए लागू कर दिया है.
तीन चरणों में गंगा घाटों की होगी सफाई : नगर आयुक्त ने गंगा घाटों की सफाई तीन चरणों में करने का निर्णय लिया है. पहले चरण का सफाई अभियान सोमवार से शुरू कर दिया गया है. यह अभियान छह नवंबर तक चलेगा.
इस दौरान घाटों की शत-प्रतिशत सफाई सुनिश्चित की जायेगी. इसके बाद कचरा व गंदगी फैलाने वालों पर प्रतिनियुक्त सफाई इंस्पेक्टर चिह्नित करते हुए कार्रवाई करेंगे व जुर्माना वसूल करेंगे. दूसरे चरण में 10 नवंबर तक घाटों पर तैनात सफाई कर्मी व इंस्पेक्टर मॉनीटरिंग करेंगे और गंगा की धारा में गंदगी व पूजा के बाद बचे अवशेष फेंकने वालों पर रोक लगायेंगे. तीसरे चरण में 11 से 13 नवंबर तक गंगा घाटों व तालाबों की शत प्रतिशत सफाई सुनिश्चित करेंगे, ताकि घाटों पर कहीं गंदगी या कचरा दिखाई नहीं दे.
घाटों का करना है भ्रमण
नगर आयुक्त ने चारों अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों, सिटी मैनेजरों व मुख्य सफाई निरीक्षकों को आदेश दिया है कि पर्याप्त संख्या में चूना-ब्लीचिंग, झाड़ू, बेलचा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सफाई निरीक्षकों को कराएं. इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्र के सभी घाटों पर रोजाना भ्रमण सुनिश्चित करें.
भ्रमण के दौरान पहुंच पथ, लाइटिंग, निर्माण कार्य में कमी दिखने पर तत्काल वरीय पदाधिकारी को सूचित करें, ताकि समय रहते समस्या का निदान किया जा सके. इसके साथ ही आठ नवंबर के बाद रोजाना उप नगर आयुक्त के साथ-साथ नगर आयुक्त को प्रतिवेदन देना सुनिश्चित करेंगे.

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