पटना : सूबे के 25 और संसदीय क्षेत्र में जल्द ही पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलेगा. इसके लिए बिहार डाक परिमंडल ने डाक निदेशालय को प्रस्ताव भेजा था जिसे निदेशालय ने स्वीकार कर लिया है. इस बात की जानकारी बिहार परिमंडल के निदेशक (डाक सेवाएं ) मनोज कुमार ने मंगलवार को प्रभात खबर से मुलाकात करते हुए दी.
उन्होंने बताया कि सभी संसदीय क्षेत्र में एक-एक पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने के बाद लोगों को अब पासपोर्ट बनाने के लिए लंबी दूरी तय कर के पटना नहीं जाना पड़ेगा. अब पासपोर्ट बनाने के लिए जटिल प्रक्रिया से भी नहीं गुजरना पड़ेगा. सेवा केंद्र विदेश मंत्रालय के सहयोग से खोला जा रहा है.
15 संसदीय क्षेत्र के डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र काम कर रहा निदेशक ने बताया कि सेवा केंद्र खोलने के लिए कार्रवाई शुरू हो गयी है. बिहार में 40 संसदीय क्षेत्र हैं जिसमें 15 संसदीय क्षेत्र के डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र काम कर रहा है.
शेष 25 संसदीय क्षेत्र के डाकघरों में यह सेवा केंद्र खुलना है. कुमार ने बताया कि चार डाकघरों में पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण स्थान में बदलाव किया जा रहा है. इनमें काराकट से बदल कर डालमियानगर, उजियारपुर से बदलकर दलसिंह सराय, वाल्मीकि नगर से बदलकर रामनगर और झंझारपुर का भी बदलाव होना है.
पासपोर्ट बनने के लिहाज से बिहार दूसरे स्थान पर : उन्होंने बताया कि पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने पर अन्य स्थानीय लोगों को विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट बनवाने में परेशानी नहीं होगी.
इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और देश-विदेश में रोजगार के लिए जाने वालों को भी सुविधा मिलेगी. निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि 15 सेवा केंद्र पर हर दिन लगभग 35 से 40 पासपोर्ट बन रहे हैं. सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनने के लिहाज से बिहार दूसरे स्थान पर है जबकि यूपी पहले स्थान पर है.
यहां चल रहे हैं सेवा केंद्र
सीवान, मुजफ्फरपुर, बेतिया, भागलपुर, पूर्णिया, गया, मोतिहारी, मुंगेर, नवादा, समस्तीपुर, छपरा, मधुबनी, बेगूसराय, बक्सर और नवादा में पासपोर्ट सेवा केंद्र चल रहा है.