पटना : शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता का नया पैमाना किया घोषित
पैमाने पर खरा उतरने के लिए निकायों को खुले में मूत्र त्याग पर रोक का प्रोटोकॉल करना होगा लागू पटना : खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) की महात्वाकांक्षी योजना के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने अब ओडीएफ प्लस और ओडीएफ प्लस प्लस को स्वच्छता का नया पैमाना घोषित किया है. इस पैमाने पर खरा […]
पैमाने पर खरा उतरने के लिए निकायों को खुले में मूत्र त्याग पर रोक का प्रोटोकॉल करना होगा लागू
पटना : खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) की महात्वाकांक्षी योजना के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने अब ओडीएफ प्लस और ओडीएफ प्लस प्लस को स्वच्छता का नया पैमाना घोषित किया है.
इस पैमाने पर खरा उतरने की इच्छा रखने वाले शहरी निकायों को खुले में मूत्र त्याग रोकने का प्रोटोकॉल लागू करना होगा. स्वच्छ भारत मिशन ने स्वच्छता परिणामों में स्थायित्व सुनिश्चित करने व लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लक्ष्य के साथ अगला कदम लांच किया है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में स्टैंडर्ड होगा लागू नगर विकास एवं आवास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जनवरी में होने वाले स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में यह स्टैंडर्ड लागू रहेगा. सभी 143 शहरी निकायों को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
नये मानदंड के तहत ओडीएफ प्लस घोषित करने के इच्छुक शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त होने के अलावा लोगों द्वारा खुले में मूत्र त्याग से भी मुक्त होने का सर्टिफिकेट देना होगा. वे प्रमाणित करेंगे कि उनके निकाय में किसी भी समय, किसी भी व्यक्ति द्वारा खुले में शौच या मूत्र त्याग नहीं किया जाता है तथा सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय चालू स्थिति में हैं. ओडीएफ प्लस प्लस प्रोटोकॉल हासिल करने के लिए निकायों को मानव अपशिष्ट गाद, सेप्टेज और सीवेज सुरक्षित रूप से प्रबंधित व उपचारित होने का सर्टिफिकेट देना होगा. बताना होगा कि क्षेत्र में कहीं भी गंदा पानी नालियों से बाहर नहीं बह रहा.
सूबे के पुराने 140 शहरी निकायों में भागलपुर के कहलगांव नगर पंचायत व पटना नगर निगम को छोड़ कर सभी नगर निकायों ने सेल्फ ओडीएफ घोषित कर लिया है. इनमें से 99 निकायों को क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) का सर्टिफिकेट भी मिल गया है. बचे हुए 41 निकायों के सर्टिफिकेट के लिए क्यूसीआई को जांच की अपील की गयी है.