पटना : थानों की हर हरकत पर होगी ”तीसरी आंख” की नजर

आईटी डिपार्टमेंट ने भी अपनी रिपोर्ट दी, गृह विभाग व वित्त विभाग से स्वीकृति मिली पटना : प्रदेश के सभी थानों पर ‘तीसरी आंख’ की नजर होगी. इसके लिए सभी 1056 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. गृह विभाग व वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति मिल गयी है. इसमें आईटी डिपार्टमेंट ने भी अपनी रिपोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2018 9:09 AM

आईटी डिपार्टमेंट ने भी अपनी रिपोर्ट दी, गृह विभाग व वित्त विभाग से स्वीकृति मिली

पटना : प्रदेश के सभी थानों पर ‘तीसरी आंख’ की नजर होगी. इसके लिए सभी 1056 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. गृह विभाग व वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति मिल गयी है. इसमें आईटी डिपार्टमेंट ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है.

इसके लिए पूर्व में टेंडर हुआ था, लेकिन एजेंसी का चयन नहीं हो पाया था. फिर से टेंडर कराने की तैयारी है. इस पर 125 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

260 करोड़ की थी योजना : जानकारों की मानें तो सभी थानों में सीसीटीवी लगाने की योजना 260 करोड़ रुपये की थी. इसके लिए वित्त विभाग, गृह विभाग व आईटी

विभाग के पदाधिकारियों ने मंथन किया. सीसीटीवी कैमरे के स्टोरेज सहित अन्य जरूरतों पर विस्तार से बात हुई है. सूत्र बताते हैं कि थाना स्तर पर यह मांग हुई कि स्टोरेज के लिए एक साल का वीडियाे रहना चाहिए. यह स्टोरेज थाना स्तर पर ही होना चाहिए. परंतु संबंधित

एजेंसियों ने इसके लिए हाथ खड़े कर लिये थे. एजेंसियों का तर्क था कि थाना स्तर पर एक-एक साल का स्टोरेज रखना संभव नहीं है. अब तय हुआ है कि दो-तीन माह का स्टोरेज रखा जायेगा.

बिहार पुलिस हो रही अपडेट

बिहार पुलिस को लगातार अपडेट करने का प्रयास हो रहा है. पुलिसिंग को अत्याधुनिक व हाईटेक बनाने के लिए तमाम योजनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. आधुनिकीकरण योजना के तहत राज्य स्तर से लेकर थाना स्तर तक कई योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है. थानों में सीसीटीवी लगाने की योजना भी इसी का एक हिस्सा है.

सोलर प्लांट लगाने की तैयारी

पहले चार जोन में काम होने वाला था. अब ऐसा नहीं होगा. अब पूरे प्रदेश को एक ही जाने मान लिया गया है. पहले सीसीटीवी लगाने की 260 करोड़ रुपये की योजना थी, बाद में यह घट कर 125 करोड़ रुपये की रह गयी है. खास बात यह है कि थाना स्तर पर सीसीटीवी तो लगेंगे, पर इसकी मॉनीटरिंग मुख्यालय स्तर पर होगी. मुख्यालय स्तर पर यह देखा जा सकेगा कि कितनी मशीनें सक्रिय हैं.

-राहुल सिंह, आईटी/वित्त सचिव

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