पटना : पहले झपटते थे मोबाइल फिर वाया ओएलएक्स लूटते भी थे
लूट व चोरी की पांच बाइकें, मोबाइल फोन बरामद पटना : राजधानी की सड़कों पर सरेराह मोबाइल फोन लूटने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. गैंग के सात सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है. सभी 18 से 20 साल के हैं. ये दो-दो का ग्रुप बना कर सड़क पर फर्राटे भरते थे. रात्रि […]
लूट व चोरी की पांच बाइकें, मोबाइल फोन बरामद
पटना : राजधानी की सड़कों पर सरेराह मोबाइल फोन लूटने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. गैंग के सात सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है.
सभी 18 से 20 साल के हैं. ये दो-दो का ग्रुप बना कर सड़क पर फर्राटे भरते थे. रात्रि गश्ती के दौरान गोलघर के पास से पुलिस के हत्थे चढ़े इस गैंग ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. दरअसल झपट्टा मार कर सिर्फ मोबाइल फोन उड़ाना ही इस गैंग का कार्य नहीं था, बल्कि लूट का यह डबल गेम खेलते थे. पहले सरेराह मोबाइल फोन लूटते थे, फिर फर्जी कागजात बना कर ओएलएक्स पर लूट के मोबाइल फोन की बिक्री के लिए ग्राहकों को आमंत्रित करते थे.
मोबाइल के लेटेस्ट मॉडल को महज एक से दो महीने का यूज दिखा कर कम रेट में ओलएक्स पर ग्राहकों को आमंत्रित करते थे. गिरफ्तार किये गये लोगों में गैंग सरगना कासिफ उर्फ अरहम, सुजीत कुमार, निखिल उर्फ सूरज कुमार, अनीश कुमार, फैजान, शुभम कुमार, छाेटू कुमार उर्फ सन्नी शामिल हैं. सभी पीरबहोर इलाके के रहने वाले हैं. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने पांच बाइक और दर्जन मोबाइल फोन बरामद किया है.
सुनसान जगह पर बुला कर लूट लेते थे ग्राहकों को
ओएलएक्स पर कम रेट में लेटेस्ट मॉडल का मोबाइल फोन देख कर ग्राहक दिये हुए मोबाइल नंबर पर जब संपर्क करते थे, तो उन्हें सुनसान जगह बुलाया जाता था. ग्राहकों के आने से पहले गैंग सारी तैयारी कर लेता था, इसके बाद उसकी बाइक, फोन, घड़ी, चेन सब लूट लेते थे. पुलिस को ऐसी घटनाओं की लगातार जानकारी मिल रही थी, लेकिन यह गैंग गिरफ्त में नहीं आ रहा था. सोमवार की रात जब यह गैंग घटना को अंजाम देने के लिए निकला, तो गोलघर के पास चेकिंग के दौरान पकड़ लिया गया.
पहले टारगेट करते थे, फिर देते थे घटना को अंजाम
दरअसल कासिम उर्फ अरहम का यह गैंग बहुत ही शातिर है. यह पहले उस व्यक्ति को टारगेट करता था, फिर पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम देता था.
महंगे मोबाइल फोन से चलती बाइक पर बात करने वाले लोग ज्यादा निशाने पर रहते थे. घटना को ऐसी जगह पर अंजाम दिया जाता था, जहां भागने के कई रास्ते हों. एक बाइक पर सवार दो लोग मोबाइल फोन झपटते थे, तो पीछे दूसरी बाइक पर मौजूद गैंग के अन्य सदस्य दूसरी दिशा में भाग कर लोगों को कन्फ्यूज करते थे.