पटना : राजद नेता तेजस्वी यादव ने ‘‘एमवाई” (मुस्लिम और यादव) के पारंपरिक आधार से इतर लोगों तक पहुंचने की कवायद के तहत जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ‘‘सभी गरीब, वंचित और शोषित लोगों” की पार्टी है. अपनी पार्टी द्वारा यहां आयोजित अतिपिछड़ा वर्ग के सम्मेलन में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने उस सामाजिक वर्ग में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की जो काफी हद तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के साथ रहा है.
राजद को अपने सुप्रीमो लालू प्रसाद के दिनों से ही आंकड़ों के लिहाज से महत्वपूर्ण यादवों और मुस्लिमों का व्यापक समर्थन मिलता रहा है. यह दोनों समुदाय राज्य में वोटरों का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अगड़ी जातियों के गरीबों के उत्थान के पक्ष में हैं, लेकिन संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. राजद नेता ने कुमार पर 2015 के विधानसभा चुनावों में मिले बहुमत को धोखा देकर महागठबंधन से अलग होने का आरोप लगाते हुए परोक्ष रूप से हमला करते हुए दावा किया, ‘‘अगर हमनें भाजपा से हाथ मिलाया होता तो मैं मुख्यमंत्री भी बन सकता था. लेकिन, चाचा (नीतीश) की तरह हमारी रुचि कुर्सी में नहीं बल्कि हम लोगों के लिये काम करने को प्राथमिकता देते हैं.”
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया, ‘‘सत्ता के लिये उनकी भूख 1990 के दशक में उन्हें भाजपा की तरफ ले गई जब मंडल आंदोलन ताजा था. उन्होंने एक बार फिर ऐसा किया जब हम भाजपा के खिलाफ ऐतिहासिक रूप से लड़ाई में लगे थे. भाजपा अब सत्ता में है और उसने अघोषित आपातकाल थोप रखा है.” भाजपा पर निशाना साधते हुए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने कहा, ‘‘सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है जिससे लोगों का ध्यान इससे हट जाए कि सरकार क्या कर रही है और जो लोग सत्ता में हैं वो अपने एजेंडे को आगे बढ़ा सकें जिसमें दूसरी चीजों के साथ आरक्षण को खत्म करना भी शामिल है.”
अपने बीमार पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लेते हुए तेजस्वी ने भावनात्मक रूप से कहा, ‘‘आप लोगों ने मुझे और मेरे पिता को बहुत प्यार दिया है. कृपया अपना विश्वास हम पर बनाए रखियेगा जिससे हम आपके प्यार को सूद के साथ वापस कर सकें.”