अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के वादे को हम भूल नहीं सकते : सुशील मोदी
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मस्जिद तो कहीं भी बन सकता है, लेकिन मंदिर तो वहीं बनेगा जहां रामलला विराजते हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तो मंदिर निर्माण के पक्ष में पैसला 2010 में ही दे दिया है. सुप्रीम कोर्टभी जल्द निर्णय ले. यह करोड़ों हिंदुओं के आस्था का सवाल […]
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मस्जिद तो कहीं भी बन सकता है, लेकिन मंदिर तो वहीं बनेगा जहां रामलला विराजते हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तो मंदिर निर्माण के पक्ष में पैसला 2010 में ही दे दिया है. सुप्रीम कोर्टभी जल्द निर्णय ले. यह करोड़ों हिंदुओं के आस्था का सवाल है. मंदिर निर्माण के वादे को हम भूल नहीं सकते यह हमारी प्राथमिकता में है. राम मंदिर को तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था.
सुशीलमोदी रविवार को पटेल सामाजिक एकता परिषद की ओर से आयोजित पटेल जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम को केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने भी संबोधित किया.सुशील मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करोड़ों हिंदुओं की आस्था और भावना से जुड़ा है. पिछले डेढ़ सौ साल से राम मंदिर पर फैसला नहीं हुआ.
डिप्टी सीएम ने कहा कि कोर्ट का यह कहना कि राम मंदिर पर कोई जल्दीबाजी नहीं है. देश यह जानना चाहता है कि 29 नवंबर को सुनवाई क्यों नहीं हुई. कर्नाटक मामले में कोर्ट रात को एक बजे निर्णय दे सकता है, लेकिन राम मंदिर पर कोई निर्णय नहीं हो रहा. धारा 377 पर कोर्ट निर्णय ले सकता है लेकिन राम मंदिर के लिए समय नहीं है. न्यायपालिका और कार्यपालिका को इसपर जल्द फैसला लेना चाहिए.
वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुएसुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस को राम मंदिर पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए. कोर्ट जन भावना को समझे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में होगा. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा में बिहार का भी लोहा लगा है. सरदार पटेल नहीं होते तो आज भारत का भूगोल अलग होता. उन्होंने असंभव काम को संभव कर दिखाया. पंडित नेहरू सोमनाथ मंदिर के निर्माण के पक्षधर नहीं थे.
उपमुख्यमंत्री ने की लोगों से की अपील किया कि एक बार गुजरात जाकर सरदार पटेल की मूर्ति देखे. उन्होंने पार्टी से भी की अपील किया कि ट्रेन बुक कर लोगो को वहां भेजे. इसके पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरोज पटेल ने विस्तार से सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला.