पटना : 175 पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त, हो सकती है गिरफ्तारी, जेल भेजने की तैयारी
महिला सिपाही की मौत पर हुए हंगामे के बाद कार्रवाई पटना : पुलिस लाइन में उपद्रव करने वाले कुल 175 पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त किये जाने के बाद अब इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हाेने कारण सभी आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजेगी. वहीं इस कार्रवाई […]
महिला सिपाही की मौत पर हुए हंगामे के बाद कार्रवाई
पटना : पुलिस लाइन में उपद्रव करने वाले कुल 175 पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त किये जाने के बाद अब इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हाेने कारण सभी आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजेगी.
वहीं इस कार्रवाई के बाद महकमे में दहशत का माहौल है. पुलिस पदाधिकारियों के भी तबादले की तैयारी है. ये वहीं पुलिस पदाधिकारी हैं जो काफी दिनों से पटना में जमे थे और जिनके व्यवहार को लेकर शिकायतें मिल रही थीं.
सेवा से बर्खास्त होने के बाद सिपाहियों के परिवार में गहरा दुख : पुलिस लाइन में तोड़फोड़, मारपीट व पुलिस के वरीय पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में घिरे प्रशिक्षु सिपाहियों पर सेवा समाप्त की कार्रवाई के बाद उनके परिवार में दुख और दहशत का माहौल है.
कई सिपाहियों के परिजनों को रविवार की शाम में ही कार्रवाई की भनक लग गयी थी. परिजन पुलिस पदाधिकारियों से मिलने का प्रयास कर रहे थे, उन लोगों की दलील है कि जो लोग हंगामे के दौरान सिर्फ खड़े थे, उनका भी नाम शामिल कर दिया गया है. हालांकि रविवार को अवकाश होने के कारण उनकी मुलाकात पदाधिकारियों से नहीं हो सकी.
बर्खास्त सिपाही जा सकते हैं कोर्ट : पुलिस लाइन में हंगामे और अपने ही वरीय पदाधिकारियों पर हमले के आरोप व सेवा समाप्ति के बाद बर्खास्त सभी 175 सिपाही कोर्ट की शरण ले सकते हैं. अगर उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले तो उनको राहत मिल सकती है, हालांकि अभी ताे कार्रवाई के बाद वह काफी दहशत में है.
परिजन बहुत ही दुखी हैं. इससे पहले भी अन्य आरोप में बर्खास्त किये गये पुलिसकर्मी लंबी लड़ाई के बाद वापस सेवा में आ चुके हैं. हालांकि पुलिस लाइन की घटना बिल्कुल अलग तरह की घटना है लेकिन सबकुछ सबूत और बयान पर निर्भर करता है.
बर्खास्त किये गये 175 में 79 महिला पुलिसकर्मी
पुलिस लाइन में हुए उपद्रव के बाद एसएसपी मनु महाराज की जांच के बाद बर्खास्त किये गये पुलिसकर्मियों में 79 महिला पुलिस कर्मी शामिल हैं. बाकी पुरुष पुलिसकर्मी शामिल हैं. दरअसल की पहचान शनिवार को ही कर ली गयी थी. इसलिए इन्हें ट्रेनिंग के लिए दूसरी जगह नहीं भेजा गया था.
उपद्रव के दौरान इनकी हरकतों को सीसीटीवी फुटेज में देखने के बाद फुटेज को जांच दस्तावेज में शामिल किया गया और फिर रविवार को कार्रवाई की गयी है. वहीं इस कार्रवाई के बाद आरोपित पुलिसकर्मी अंडरग्राउंड हो गये हैं. उनके परिजन भले ही इधर-उधर पैरवी लगाने में जुटे हैं लेकिन बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद पुलिस लाइन का माहौल बिल्कुल शांत हो गया है.
पुलिस संगठन के लोग पहले ही उपद्रवी का साथ देने से मना कर चुके हैं. इसलिए बर्खास्तगी के बाद आरोपितों के रास्ते कठिन हो गये हैं. नौकरी मिलने के बाद इस तरह से नौकरी हाथ से निकल जाना परिवार के लिए बेहद दुखद है.
महिला सिपाही के मौत मामले की जांच कर रहे हैं ट्रैफिक एसपी
बीमारी से महिला सिपाही सविता पाठक की मौत के बाद इस मामले की जांच आईजी ने ट्रैफिक एसपी को सौंपी है. दरअसल सविता पाठक की ड्यूटी ट्रैफिक में ली जा रही थी. इसलिए उनसे पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है. बीमारी की जानकारी किसको-किसको थी. छुट्टी क्यों नहीं दी गयी. डॉक्टर की रिपोर्ट क्या कहती है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब जांच के बाद सामने आयेंगे.
पटना : महिला ट्रेनियों को ट्रैफिक पोस्ट से हटाने से ट्रैफिक परिचालन में आ रही बाधा
पटना : महिला ट्रेनियों को ट्रैफिक पोस्ट से हटाने के कारण शहर के ट्रैफिक परिचालन में बाधा आ रही है. पुलिस लाइन में महिला सिपाही की मौत के बाद सिपाहियों के द्वारा हंगामे से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आनन फानन में ट्रेनी महिला सिपाहियों को ट्रेनिंग के लिए पटना से बाहर भेजने का निर्णय लिया गया.
इसी के साथ दो नवंबर की मध्य रात्रि को ही महिला ट्रेनी सिपाहियों की डयूटी सभी ट्रैफिक पोस्टों से हटा ली गयी. विदित हो कि पूरे शहर में 228 महिला ट्रेनी सिपाही तैनात थीं. शहर के सभी 106 ट्रैफिक पोस्टों पर इन्हें एक से अधिकतम आठ तक की संख्या बल में तैनात किया गया था.
इनके होने से ट्रैफिक पोस्टों पर लंबे समय से चल रही मानव बल की कमी दूर हो गयी थी और ट्रैफिक रेगुलेशन में सुविधा हो रही थी, लेकिन सभी 228 महिला ट्रेनी सिपाहियों के पोस्टों से हट जाने के बाद अब फिर से दोबारा ट्रैफिक पोस्ट पर खालीपन आ गया है. हालांकि इसे दूर करने की कवायद जारी है.