पटना : ठेकेदारों ने विभाग के सामने रखीं समस्याएं

पटना : राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के क्रियान्वयन में हो रही परेशानियों को ठेकेदारों ने रखा. ठेकेदारों ने साइट स्थल की समस्या, समय पर राशि भुगतान नहीं होने, अधिकारियों की मनमानी, विभाग द्वारा सामान के लिए निर्धारित राशि से महंगी कीमत में सामान मिलने सहित अन्य समस्याएं पीएचइडी विभाग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2018 9:29 AM
पटना : राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के क्रियान्वयन में हो रही परेशानियों को ठेकेदारों ने रखा. ठेकेदारों ने साइट स्थल की समस्या, समय पर राशि भुगतान नहीं होने, अधिकारियों की मनमानी, विभाग द्वारा सामान के लिए निर्धारित राशि से महंगी कीमत में सामान मिलने सहित अन्य समस्याएं पीएचइडी विभाग के सचिव के समक्ष रखीं.
पीएचइडी सचिव जीतेंद्र श्रीवास्तव ने ठेकेदारों की समस्याओं को सुनकर अधिकारियों से फाइल में नहीं कैंप लगा कर सुनवाई के मोड में समस्याओं का निष्पादन करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि काम में विलंब होने पर योजना के एक्सटेंशन ऑफ टाइम कराना जरूरी है. बिना एक्सटेंशन ऑफ टाइम के काम कराने पर ठेकेदार व अभियंता को जेल होगा.
उन्होंने 30 नवंबर तक इसे क्लियर करने का निर्देश दिया. उन्होंने जीएसटी को लेकर होने वाली समस्या पर कहा कि कॉमर्शियल विभाग को लिखा गया है. री-बोरिंग कराने के मामले में विभाग शीघ्र निर्णय लेगा. जिन राज्यों में री-बोरिंग कराने पर ठेकेदारों को राशि भुगतान होता है. उस पॉलिसी का अध्ययन कर उस पर विचार होगा. सचिव ने कहा कि किसी भी समस्या को लेकर ठेकेदार विभाग के पोर्टल ग्रीवांस रीड्रेसल पर अपनी बात रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि योजना का समय पर क्रियान्वयन आवश्यक है. अभी 20 हजार 521 वार्डों में में योजना स्वीकृत की जा चुकी है.
राशि का समय पर नहीं होता है भुगतान
मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना (हर घर नल का जल) व विश्व बैंक के सहयोग से चलने वाली नीर निर्मल परियोजना (जलापूर्ति व स्वच्छता परियोजना) के क्रियान्वयन में ठेकेदारों ने होने वाली समस्याओं को रखा. समीक्षा में ठेकेदारों ने कहा कि सबसे अधिक परेशानी काम करने के बावजूद राशि का भुगतान समय पर नहीं होना है. छपरा के ठेकेदार ने कहा कि मुख्यमंत्री चापाकल योजना में फरवरी 2018 में काम पूरा करने पर भी राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
सहरसा व मधेपुरा में काम करने वाले ठेकेदारों ने स्टेचिंग की समस्या रखी. बोरिंग करने के लिए जमीन नहीं मिलने की शिकायत की. जिले में सीओ व डीएम के यहां से जमीन में काफी देर होने से काम में विलंब होने के साथ खर्च की राशि बढ़ती है. जीएसटी से होने वाली परेशानी को लेकर भी वरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया.
गया, सासाराम, बेतिया में विभिन्न प्रखंडों में काम करने वाले ठेकेदारों ने कहा कि निर्धारित से अधिक ड्रील करने में होने वाले खर्च की राशि नहीं मिलती है. समीक्षा में संयुक्त सचिव नवीन कुमार ने ठेकेदारों को योजना के क्रियान्वयन के लिए तय नियमों की पूरी जानकारी दी. इस मौके पर अभियंता प्रमुख सतीश चंद्र मिश्र, विमल कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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