बिहार कैबिनेट का फैसला : बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए 300 करोड़ मंजूर, स्नातक करने के बाद मिलेंगे 25 हजार
1.25 लड़कियों को होगा लाभ पटना : स्नातक करने वाली बेटियों को बिहार सरकार 25-25 हजार रुपये देगी. इसके लिए 300 करोड़ रुपये सरकार ने दिये हैं. इसका लाभ करीब सवा लाख लड़कियों को मिलेगा. बाल विवाह को रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने […]
1.25 लड़कियों को होगा लाभ
पटना : स्नातक करने वाली बेटियों को बिहार सरकार 25-25 हजार रुपये देगी. इसके लिए 300 करोड़ रुपये सरकार ने दिये हैं. इसका लाभ करीब सवा लाख लड़कियों को मिलेगा. बाल विवाह को रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने के मकसद से ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ की शुरुआत की थी. इसके तहत अविवाहित इंटर पास लड़कियों को 10 हजार और ग्रेजुएट लड़कियों को 25 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (स्नातक)’ के तहत शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर गुरुवार को मंत्रिपरिषद ने मुहर लगायी है. दूसरी ओर, नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व कौशल विकास मिशन के तहत अंग्रेजी अनुदेशकों के 199 नियमित पदों का सृजन किया गया है. राज्य सरकार ने लड़कियों के समग्र विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’शुरू की है. इसके तहत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार रुपये और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये दिये जायेंगे.
नयी योजना में पूरी तरह से महिलाओं को ध्यान में रखते अन्य कई तरह की पहल भी की गयी है. कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिपरिषद विभाग के अवर सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि गुरुवार को कुल छह प्रस्तावों पर मुहर लगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के तहत 300 करोड़ रुपये राशि दी गयी है. प्रदेश के विश्वविद्यालयों से 25 अप्रैल 2018 के बाद स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रति छात्रा 25 हजार रुपये की एकमुश्त राशि दी जायेगी. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 300 रुपये देने पर कैबिनेट ने मुहर लगायी है. इसका लाभ करीब सवा लाख छात्राओं को मिलेगा.
श्रम न्यायालय मुंगेर के लिए पांच पद स्वीकृत
श्रम न्यायालय मुंगेर की स्थापना और इसके संचालन के लिए पीठासीन पदाधिकारी, आशुलिपिक, निम्नवर्गीय लिपिक और कार्यालय परिचारी सहित कुल पांच पदों के प्रस्ताव को बिहार कैबिनेट से स्वीकृति मिल गयी.
श्रम न्यायालय, मुंगेर की स्थापना से बिहार में कार्यरत कुल नौ श्रम न्यायालयों के क्षेत्राधिकार का बंटवारा भी कैबिनेट से स्वीकृत हो गया. इसकी अधिसूचना जारी करने के लिए श्रम संसाधन विभाग के मंत्री से स्वीकृति मिल गयी है.
1. औद्योगिक न्यायाधिकरण पटना के अंतर्गत श्रम न्यायालय पटना में पटना, नालंदा, भोजपुर, नवादा, बक्सर, जहानाबाद और अरवल जिले हैं.
2. औद्योगिक न्यायाधिकरण पटना के अंतर्गत श्रम न्यायालय डालमियानगर में गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिले हैं.
3. औद्योगिक न्यायाधिकरण पटना के अंतर्गत श्रम न्यायालय भागलपुर में भागलपुर और बांका जिले शामिल हैं.
4. औद्योगिक न्यायाधिकरण पटना के अंतर्गत श्रम न्यायालय मुंगेर में मुंगेर, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा जिले शामिल हैं.
5. औद्योगिक न्यायाधिकरण मुजफ्फरपुर के अंतर्गत श्रम न्यायालय मुजफ्फरपुर में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी और शिवहर जिले शामिल हैं.
औद्योगिक न्यायाधिकरण मुजफ्फरपुर के अंतर्गत श्रम न्यायालय छपरा में सारण, सीवान और गोपालगंज जिले शामिल हैं.
6. औद्योगिक न्यायाधिकरण मुजफ्फरपुर के अंतर्गत श्रम न्यायालय बेगूसराय में बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया जिले शामिल हैं.
7. औद्योगिक न्यायाधिकरण मुजफ्फरपुर के अंतर्गत श्रम न्यायालय मोतिहारी में पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिले शामिल हैं.
8. औद्योगिक न्यायाधिकरण मुजफ्फरपुर के अंतर्गत श्रम न्यायालय पूर्णिया में पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया और भागलपुर का नवगछिया अनुमंडल शामिल है.
9. मंत्रिपरिषद् से अनुमोदन के बाद इसकी अधिसूचना निर्गत करने के लिए मंत्री द्वारा अनुमोदन किया गया. अधिसूचना निर्गत होने के बाद बिहार में औद्योगिक न्यायाधिकरण और श्रम न्यायालय का क्षेत्राधिकार और कार्य इस प्रकार संचालित होगा.
सवा लाख लड़कियों को होगा लाभ
अपराध अनुसंधान विभाग में 123 पदों का सृजन
पटना : अपराध अनुसंधान विभाग के अंतर्गत कमजोर वर्ग की विभिन्न शाखाओं के कार्यों को अब रफ्तार मिलेगी. गृह विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने गुरुवार को स्वीकृति दी है. प्रस्ताव के अनुसार, बिहार के प्रत्येक जिला (रेल जिला सहित) में एक पुलिस उपाधीक्षक (विशेष अपराध), एक आशु सहायक अवर निरीक्षक एवं एक चालक सिपाही सहित कुल 132 पदों के सृजन को हरी झंडी मिली है. दूसरी ओर, भवन निर्माण विभाग के कार्यों के सम्यक एवं सुचारु संचालन के लिए गैर योजना मद में एक करोड़ 75 लाख 41 हजार 768 रुपये अनुमानित वार्षिक व्यय पर एक भवन प्रमंडल, उच्च न्यायालय, पटना एवं एक विद्युत कार्य प्रमंडल संख्या-तीन पटना के गठन सहित कुल 30 पदों का सृजन किया गया है.
50 एकड़ सरकारी भूमि दी जायेगी
पटना : विज्ञान एवं प्रौवैधिकी विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने गुरुवार को स्वीकृति प्रदान की. भागलपुर जिला के अंतर्गत सबौर के बरारी में भागलपुर अभियंत्रण महाविद्यालय के परिसर में उपलब्ध 50 एकड़ सरकारी भूमि को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, सोसायटी के लिए दिया जायेगा. नि:शुल्क हस्तांतरण के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
श्रम संसाधन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति
श्रम संसाधन विभाग के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दी है. नया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना, नया महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित कौशल विकास मिशन स्कीम के तहत अंग्रेजी अनुदेशकों के 119 पर सृजित किये गये हैं.
पूर्व से 109 पदों को वापस करते हुए 10 अतिरिक्त नये पद सहित इम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स अनुदेशक के राज्य स्कीम के तहत संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कुल 119 नियमित पदों का सृजन किया गया है.