मोकामा : कबड्डी खिलाड़ी की गोली मारकर हत्या
घटना से आक्रोशित लोगों ने छह घंटे तक एनएच 31 व मुख्य सड़क की जाम मोकामा : छत पर सो रहे कबड्डी खिलाड़ी अमर कुमार (17 वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. यह वारदात हथिदह थाने के औंटा गांव में बुधवार की देर रात में हुई. ग्रामीणों ने हत्या के विरोध में छह […]
घटना से आक्रोशित लोगों ने छह घंटे तक एनएच 31 व मुख्य सड़क की जाम
मोकामा : छत पर सो रहे कबड्डी खिलाड़ी अमर कुमार (17 वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. यह वारदात हथिदह थाने के औंटा गांव में बुधवार की देर रात में हुई. ग्रामीणों ने हत्या के विरोध में छह घंटे तक एनएच 31 व मुख्य सड़क को जाम रखा.
बताया जा रहा है कि पीछे के रास्ते से अपराधी घर की छत पर चढ़ गये और ताबड़तोड़ आठ गोलियां बरसाईं. इसमें दो गोलियां अमर की पेट व पीठ में लग गयी.
अस्पताल ले जाने के दौरान उसने दम तोड़ दिया. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को जब्त कर लिया और घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन शुरू की. घटना स्थल से आठ खोखा व एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. इस मामले में पुलिस दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. गुरुवार को बाढ़ एएसपी लिपी सिंह ने भी घटना स्थल का जायजा लिया.
अपराधियों के टारगेट पर था मृतक का छोटा भाई
खेत में मवेशी घुसने के विवाद में एक वर्ष पहले अमर (मृतक) के पिता सुबोध सिंह और छोटे भाई इंद्रजीत को गोली मार दी गयी थी. इस घटना में पिता की मौत हो गयी थी. इंद्रजीत अपने पिता की हत्या मामले में चश्मदीद था. वह अपराधियों के टारगेट पर था. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य आरोपित अमित जेल में बंद है. उसने कोर्ट में गवाही देने पर दोनों भाइयों को जान से मारने की धमकी दी थी.
पुराने विवाद में साजिश रच की गयी थी हत्या की प्लानिंग
जेल में रची गयी थी साजिश
हिरासत में लिये गये आरोपितों ने बताया कि बाढ़ जेल में दोनों भाइयों की हत्या की साजिश रची गयी थी, लेकिन छोटा भाई घर पर मौजूद नहीं था. उसकी जान बच गयी. अपराधियों ने दिवाली की रात योजनाबद्ध तरीके से वारदात की. इससे पटाखे की आवाज के बीच आस-पड़ोस के लोगों को गोलीबारी की भनक तक नहीं लग सकी.
हत्या के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
हत्या के खिलाफ गुरुवार की सुबह सात बजे आक्रोशित लोग सड़क पर उतर गये. पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जिससे मुख्य सड़क व एनएच 31 पर यातायात बाधित हो गया.
कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम हटाने का प्रयास किया. पुलिस व ग्रामीणों के बीच नोकझोंक शुरू हो गयी. लोगों का कहना था कि बाढ़ जेल से लगातार अमर (मृतक) व उसके परिजनों को धमकी दी जा रही थी. उसने इस मामले में सुरक्षा की गुहार भी लगायी थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता पूर्वक नहीं लिया. यदि पुलिस सक्रिय होती तो अमर की जान बच सकती थी. लोगों ने पीडि़त परिवार को सुरक्षा देने व मुआवजे की मांग की. बाद में बाढ़ एएसपी के आश्वासन पर मामला शांत हो सका.