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चार किमी लंबा हो गया है गंगा का घाट, कलेक्ट्रेट, महेंद्रू व बांसघाट पर एक साथ पूजा कर सकेंगे लाखों श्रद्धालु

पटना : गंगा के कई घाट एक साथ जुड़ गये हैं. इनमें दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में घाट नंबर 95 से लेकर कुर्जी घाट तक पांच घाटों के एक साथ जुड़ने से लोगों को सुविधा बढ़ी है. वहीं शहर के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में शुमार बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्रू घाट भी गंगा तट पर […]

पटना : गंगा के कई घाट एक साथ जुड़ गये हैं. इनमें दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में घाट नंबर 95 से लेकर कुर्जी घाट तक पांच घाटों के एक साथ जुड़ने से लोगों को सुविधा बढ़ी है. वहीं शहर के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में शुमार बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्रू घाट भी गंगा तट पर आकर एक साथ जुड़ गये हैं. इन तीनों घाटों के एक साथ जुड़ने से गंगा तट पर लोगों के लिए चार किमी के लगभग एक साथ जुड़ा घाट बन कर लगभग तैयार हो गया है.
सबसे बड़ी बात है कि इन तीनों घाटों पर अलग-अलग जाने के लिए रास्ता बनाया गया है. इसलिए इन घाटों पर जाने के लिए लोगों कोई परेशानी नहीं होने वाली है. इन सभी घाटों पर 50 हजार से अधिक गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. कुल मिला कर इन घाटों पर कई लाख लोग आसानी से छठ पूजा कर सकते हैं.
बांस घाट: इस घाट पर जाने के लिए अशोक राजपथ से सिद्धेश्वरी माता मंदिर से सामने से रास्ता तैयार किया गया है. अशोक राजपथ से गंगा तट पर बने घाट की दूरी तीन किमी है. घाट के रास्ते पर लाइट लगाने का काम 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है. रास्ते में ट्यूब लाइट लगायी गयी हैं, जबकि घाट पर हाई मास्ट सोडियम लाइट 150 से अधिक लगाया गया है. गंगा में लगभग 50 फुट अंदर बैरिकेडिंग का काम पूरा कर लिया गया है. पार्किंग के लिए जगह पर बैरिकेडिंग कर दी गयी है. हालांकि एप्रोच रोड पर पानी का छिड़काव जरूरी है.
कलेक्ट्रेट सह महेंद्रू घाट: दोनों घाटों पर जाने के लिए एप्रोच रोड का काम पूरा कर चुका है. वहीं बांस घाट से जाने के लिए भी रास्ता बनाया जा रहा है. घाट की दूरी कलेक्ट्रेट परिसर से 2.5 किमी है. दोनों घाटों की लंबाई दो किमी तक फैली है. बैरिकेडिंग का काम किया जा रहा है. घाट पर एप्रोच रोड और घाट पर हाई मास्ट सोडियम लाइटें लगायी गयी हैं. घाटों पर 500 से अधिक लाइटें लगी हैं.
पुलिस, दंडाधिकारी से लेकर कर्मियों के लिए ड्रेस कोड
पटना : छठ को लेकर गंगा घाटों की तैयारी अंतिम चरण में है. जिला प्रशासन के निर्देशन में नगर निगम और विभागों की टीम काम को फाइनल टच देने का काम कर रही है. शुक्रवार को जिलाधिकारी कुमार रवि ने गंगा घाटों का निरीक्षण किया. इस दौरान रोशन घाट, जगरनाथ घाट, चौधरी टोला घाट, पत्थरी घाट, कदम घाट, बीएनआर घाट, घसियारी घाट, नरकट घाट, लोहरवा घाट, मठ केदारनाथ घाट, गोसाईं घाट, राजा घाट, करनाल गंज घाट, गाय घाट, कंटाही घाट, भद्र घाट,एवं महावीर घाट पर चल रहे काम को देखा.
इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि छठ पूजा को लेकर प्रशासन ने छठ पूजा पटना एप को लांच कर दिया है. तैयारी अंतिम चरण में है. लोगों को एप के माध्यम से ही गंगा के जल स्तर का अपडेट मिलता रहेगा. उन्होंने बताया कि घाट पर पर्व के दौरान ड्यूटी के लिए पुलिस, दंडाधिकारी, नगर निगम से लेकर अन्य विभागों के कर्मियों और अधिकारियों को ड्रेस (जैकेट और कैप) कोड लागू किया गया है, ताकि छठ के दौरान उनसे आवश्यकता अनुसार संपर्क किया जा सके.
इसमें दंडाधिकारियों के लिए ब्लू रंग का फ्लोरोसेंट जैकेट, सिविल डिफेंस के लिए हरा रंग का फ्लोरोसेंट जैकेट, पुलिस कर्मी के लिए लाल रंग का फ्लोरोसेंट जैकेट, नगर निगम के कर्मी के लिए हल्का हरा रंग का फ्लोरोसेंट जैकेट तथा विद्युत कर्मी के लिए भी ड्रेस निर्धारित किया गया है.
101 घाटों और 15 तालाबों की हो रही व्यवस्था
जिले में कुल 101 घाट अौर तालाबों को तैयार किया जा रहा है. आवश्यकताओं को देखते हुए जिला व अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में 21 घाट ग्रुपों की व्यवस्था की जा रही है. 92 घाटों पर पटना नगर निगम द्वारा घाट निर्माण, संपर्क पथ, पार्किंग स्थल, रोशनी एवं नदी में बैरिकेडिंग की व्यवस्था गयी है. वहीं शहर के तीन प्रमुख तालाब बीएमपी-5, माणिकचंद तालाब एवं चिड़ियाघर तालाब सहित अन्य 15 तालाबों पर सफाई, पानी भरने, बैरिकेडिंग एवं अन्य कार्य पटना नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है.
वहीं दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में पड़ने वाले छह घाटों पर घाट निर्माण, संपर्क पथ, पार्किंग स्थल, रोशनी एवं नदी में बैरिकेडिंग का कार्य नगर परिषद दानापुर कर रहा है. कुल मिला कर सभी घाटों पर 314 शौचालय, 556 यूरिनल व 90 चापाकल की व्यवस्था की गयी है.
100 सीसीटीवी से होगी निगरानी
घाट पर बने प्रत्येक नियंत्रण कक्ष एवं वाच टावर पर अलग-अलग पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की गयी है. चिह्नित घाटों पर 100 सीसीटीवी कैमराें की व्यवस्था की गयी है. प्रत्येक घाट पर चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ की आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्ति की गयी है. प्रत्येक घाट पर नाव, नाविक एवं गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. प्रत्येक घाट पर एनडीआरएफ की 7 टीमें 280 जवानों की 70 बोटों के साथ प्रतिनियुक्ति की गयी है. प्रत्येक घाट पर महत्वपूर्ण फोन नंबर का प्रदर्शन किया गया है. यातायात के सुगम संचालन के लिए 38 स्थलों पर ड्रॉप गेट की व्यवस्था की गयी है.
वहीं 91 नियंत्रण कक्ष, 14 सहायक नियंत्रण कक्ष, 200 वाच टावर, 609 चेंजिंग रूम एवं 10 यात्री शेडों की व्यवस्था की गयी है.
ये 23 घाट हैं खतरनाक
जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ घाटों पर गहरे पानी, तेज ढलान के कारण उन्हें खतरनाक घाट घोषित किया गया है. साथ ही नगर वासियों से अपील है कि वे इन खतरनाक घाटों पर छठ पूजा न करें. इसमें शिवा घाट दीघा, मीनार घाट, कुर्जी घाट, पाटलिपुत्र घाट, एलसीटी घाट, टीएन बनर्जी घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट, सिपाही घाट, अंटा घाट, बीएम कॉलेज घाट, बांकीपुर क्लब घाट, और जहाज घाट हैं.
वहीं पटना सिटी अनुमंडल अंतर्गत खाजेकलां घाट, केशव राय घाट, अदरख घाट, मिरचाई घाट, गड़ेरिया घाट, पिरदमरिया घाट, नंदगोला घाट, नुरूद्दीनगंज घाट तथा देवराहा बाबा घाट को खतरनाक बनाया गया है.

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