न बूचड़खाने हटे, न बंद हुआ मृत पशुओं का फेंका जाना, जारी है बर्ड हिट
पटना : पटना एयरपोर्ट पर पिछले पांच महीने में 8 छोटे-बड़े बर्ड हिट हो चुके हैं. स्थिति की भयावहता को इसी से समझा जा सकता है कि एक दिन में दो-दो बर्ड हिट हो चुके हैं. गनिमत यही रही कि इतने बर्ड हिट के बावजूद अब तक कोई विमान क्रैश नहीं हुआ अन्यथा सैकड़ों यात्रियों […]
पटना : पटना एयरपोर्ट पर पिछले पांच महीने में 8 छोटे-बड़े बर्ड हिट हो चुके हैं. स्थिति की भयावहता को इसी से समझा जा सकता है कि एक दिन में दो-दो बर्ड हिट हो चुके हैं. गनिमत यही रही कि इतने बर्ड हिट के बावजूद अब तक कोई विमान क्रैश नहीं हुआ अन्यथा सैकड़ों यात्रियों की जान जा सकती थी.
बार-बार होने वाले बर्ड हिट को रोकने के लिए 3 महीने पहले तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर की अध्यक्षता में एयरपोर्ट आॅथोरिटी, विभिन्न एयरलाइंस, नगर निगम और जिला प्रशासन समेत मामले से संबंधित विभिन्न पक्षों की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक इन निर्णयों पर एक्शन होता नहीं दिख रहा है.
अधिकारियों की बैठक में बर्ड हिट रोकने के लिए कई निर्णयों के साथ एयरपोर्ट के पश्चिमी सिरे पर स्थित बूचड़खानों को हटाने और रेलवे लाइन के किनारे मृत पशुओं को फेंके जाने पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही गयी थी. निर्णय के दो तीन माह बीत चुके हैं पर अब तक न तो बूचड़खाने हटे हैं और न मृत पशुओं को फेंके जाने पर प्रतिबंध लगा है. अन्य निर्णयों का भी सख्ती से पालन नहीं दिखता है.
आज भी चल रहे एक दर्जन से अधिक बूचड़खाने
आज भी फुलवारीशरीफ में एक दर्जन से अधिक बूचड़खाने चल रहे हैं. इनमें न तो पशुओं को काटने के लिए शेड बने हैं और न उनको काटने का समुचित प्रबंध हैं. उनके अवशेषों को डिस्पोज करने की व्यवस्था की भी कमी है. इसके कारण मांस-मछली बेचने वाले दुकानों के इर्द-गिर्द चील और कौवे मंडराते रहते हैं और कटे पशुओं का अवशेष लेकर इधर-उधर उड़ते रहते हैं. एयरपोर्ट की चहारदीवारी के एक किमी के दायरे में स्थित होने के कारण बूचड़खाने से उड़ कर पक्षी एयरपोर्ट परिसर में आ जाते हैं. रनवे और अासपास इन पक्षियों के विमानों से टकराने की आशंका बनी रहती है.
रेलवे लाइन किनारे अब भी डाले जा रहे मृत पशु : एयरपोर्ट की चहारदीवारी के बगल से जाने वाली रेलवे लाइन के किनारे मृत पशुओं के शवों को फेंकने का चलन अब भी जारी है. इसको खाने के लिए चील, कौवा जैसे पक्षियों के झुंड उमड़ते रहते हैं. आसपास के क्षेत्रों से आने-जाने के क्रम में विमानों के एप्रोच फनल से होकर भी ये गुजरते हैं जिससे विमानों से उनके टकराने की आशंका बनी रहती है. इसको रोकने के लिए रेलवे लाइन के किनारे मृत पशुओं को फेंकने पर सख्ती के साथ रोक लगाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन उसपर भी अब तक अमल नहीं हुआ है.
नहीं लगे टर्मिनल के आसपास कवर्ड डस्टबिन
एयरपोर्ट टर्मिनल के आसपास ओपेन डस्टबिन लगे हैं. उनमें फेंके हुए खाने-पीने की वस्तुओं को खाने के लिए कौवे जैसे पक्षी बड़ी संख्या में आ जाते हैं. इनको रोकने के लिए एयरपोर्ट परिसर में हर जगह कवर्ड डस्टबिन लगने थे, लेकिन अब तक इसका अनुपालन भी नहीं हुआ है.