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पटना : नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो रहा है लोक आस्‍था का महापर्व छठ

पटना : लोक आस्था से जुड़े चार दिवसीय छठ व्रत अनुष्ठान की शुरुआत आज रविवार से हो रही है. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी दिन रविवार से व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होगी, जो कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि दिन बुधवार को पारण के साथ समाप्त होगी. इस दौरान व्रत लगातार 36 घंटे का व्रत रखेंगे. 12 नवंबर, […]

पटना : लोक आस्था से जुड़े चार दिवसीय छठ व्रत अनुष्ठान की शुरुआत आज रविवार से हो रही है. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी दिन रविवार से व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होगी, जो कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि दिन बुधवार को पारण के साथ समाप्त होगी. इस दौरान व्रत लगातार 36 घंटे का व्रत रखेंगे. 12 नवंबर, दिन साेमवार को लोहंडा-खरना और 13 नवंबर दिन मंगलवार की शाम भगवान भास्कर को पहला और 14 नवंबर दिन बुधवार को प्रात:कालीन अर्घ के साथ चार दिवसीय व्रत का समापन होगा. पंडित राकेश झा के मुताबिक रविवार को नहाय -खाय के साथ व्रती व्रत की शुरुआत करेंगे.
सायंकालीन अर्घ से शांति और उन्नति
शाम को भगवान भास्कर को जल से अर्घ देने से मानसिक शांति और जीवन में उन्नति होती है. लाल चंदन, फूल के साथ अर्घ से यश की प्राप्ति होती है. कलयुग के प्रत्यक्ष देवता सूर्य को जल में गुड़ मिला कर अर्घ देने से पुत्र और सौभाग्य का वरदान मिलता है. वहीं प्रातःकाल में जल में रक्त चंदन, लाल फूल, इत्र के साथ ताम्रपात्र में आरोग्य के देवता सूर्य को अर्घ देने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है. स्थिर एवं महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सूर्य को दूध का अर्घ देना चाहिए.
प्रिय है भगवान सूर्य को सप्तमी तिथि
भगवान सूर्य को सप्तमी तिथि अत्यंत प्रिय है. विष्णु पुराण के अनुसार तिथियों के बंटवारे के समय सूर्य देवता को सप्तमी तिथि प्रदान की गयी. इसलिए उन्हें इस तिथि का स्वामी भी कहा जाता है. देवताओं में सूर्य ऐसे देवता हैं, जिन्हें प्रत्यक्ष देखा जा सकता है.

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