पटना : अब चुनाव अभियान पर ध्यान देगा लालू परिवार, तेज प्रताप तलाक मामले से फोकस हटा
तेज प्रताप की जिद के आगे परिवार बेबस, समय पर छोड़ा फैसला छठ बाद सीटों के बंटवारे पर होगी चर्चा, कमेटी का होगा गठन पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की जिद के आगे परिवार बेबस हो गया है. लालू की सलाह पर परिवार ने फैसला लिया है कि […]
तेज प्रताप की जिद के आगे परिवार बेबस, समय पर छोड़ा फैसला
छठ बाद सीटों के बंटवारे पर होगी चर्चा, कमेटी का होगा गठन
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की जिद के आगे परिवार बेबस हो गया है. लालू की सलाह पर परिवार ने फैसला लिया है कि तलाक के मुद्दे को फिलहाल परे रखते हुए चुनाव अभियान पर पूरा फोकस किया जायेगा. मां-पिता की सलाह को नकारने वाले तेज प्रताप को मनाने की जिम्मेदारी अब उनके बहन-बहनोई उठायेंगे. शनिवार की देर शाम पिता लालू प्रसाद से मुलाकात कर लौटे उनके छोटे बेटे व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इसके साफ संकेत दिये.
तेज प्रताप को परिवार की चिंता नहीं : परिवार का साफ मानना है कि जब तेज प्रताप को परिवार और पार्टी की चिंता नहीं है तो उनको खुद के भरोसे ही छोड़ दिया जाये. खुद तेज प्रताप एकांत वास चाहते हैं, इसलिए घर से दूर वृंदावन में डेरा जमाये हैं.
तेज प्रताप के तलाक मामले की वजह से पार्टी की छवि को पहले ही काफी नुकसान पहुंच चुका है. शनिवार को तेजस्वी ने परिवार से अधिक देश-प्रदेश की चिंता होने की बात कह कर साफ संदेश दिया कि तलाक मामले पर वे अब ज्यादा ध्यान नहीं देंगे.
तलाक मामले पर नहीं मिलेगा परिवार का साथ
तेज प्रताप को पत्नी ऐश्वर्या से तलाक मामले पर परिवार का साथ नहीं मिलेगा. परिवार का हर सदस्य चाहता है कि तेज प्रताप को किसी तरह समझा कर तलाक की अर्जी वापस लेने पर मना लिया जाये.
सभी सदस्य फिलहाल ऐश्वर्या के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं. कोई नहीं चाहता कि यह रिश्ता टूटे और दूसरे लोगों को परिवार पर हंसने का मौका मिले. पारिवारिक स्तर पर इस रिश्ते को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाते रहेंगे.
छठ बाद शुरू होगा चुनाव अभियान : छठ पूजा के बाद तेजस्वी का चुनाव को लेकर अभियान शुरू होगा. सबसे पहले सीट बंटवारे के लिए को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन करना होगा. इसके बाद सीटों का मामला सुलझा लेने का प्रयास किया जायेगा. इस बीच तेजस्वी का नीतीश कुमार व पीएम नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक हमला जारी रहेगा.