नालंदा : पटना में बुद्धिस्ट कल्चर पर खुलेगा इंस्टीट्यूट : नीतीश कुमार

राजगीर (नालंदा) : भारत और भूटान के बीच मैत्री संबंध के 50 वर्ष पूरे होने पर राजगीर में भूटान देश का मोनेस्ट्री व मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गयी. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भूटान के राजा सहित हजारों भूटानी पर्यटक उपस्थित थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में बुद्धिस्ट कल्चर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2018 8:21 AM
राजगीर (नालंदा) : भारत और भूटान के बीच मैत्री संबंध के 50 वर्ष पूरे होने पर राजगीर में भूटान देश का मोनेस्ट्री व मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गयी. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भूटान के राजा सहित हजारों भूटानी पर्यटक उपस्थित थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में बुद्धिस्ट कल्चर पर एक इंस्टीट्यूट की स्थापना की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष हजारों – लाखों की संख्या में भूटान से बौद्ध पर्यटक राजगीर और बोधगया आते हैं. इस मंदिर के निर्माण हो जाने से भारत और भूटान के बीच मैत्री संबंध और भी मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि 1968 में भारत और नेपाल के बीच औपचारिक रूप से मैत्री संबंध स्थापित हुआ था. उसके 50 वर्ष पूर्ण होने पर भारत और भूटान में गोल्डेन जुबली वर्ष मनाया जा रहा है.
श्री कुमार ने कहा कि भारत में लोग पैसा और संपत्ति की बात करते हैं, परंतु भूटान में लोग हैपीनेस की बात करते हैं. वहां लोग इस बात का प्रयास करते हैं कि लोग कैसे अधिक खुश रहे. उन्होंने कहा कि राजगीर में भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म से जुड़े कई स्थल हैं, जिसका विकास व सौंदर्यीकरण सरकार करा रही है. उन्होंने कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास के लिए बौद्धिस्ट सर्किट बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि घोड़ा कटोरा झील में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा स्थापित की गयी है. उन्होंने राजगीर में बनने वाले अंतराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय की भी चर्चा की. कार्यक्रम के दौरान महामायना रिंग पोचे ने कहा कि राजगीर में भूटान का मंदिर बनना भूटान के लिए गर्व की बात है. मंदिर व मोनेस्ट्री निर्माण के लिए दो एकड़ जमीन दिये जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उन्होंने अभार प्रकट किया.
महामायना ने कहा कि राजगीर बौद्ध धर्म के लिए पदमसंभव की भूमि है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध राजगीर में ज्ञान प्राप्ति के पूर्व और ज्ञान प्राप्ति के बाद भी आये थे. कार्यक्रम को हिज होलीनेस द जे खेनपो, हिज इमिनेन्स गेलतुल रिनपोचे ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर भूटान के संघ राजा, प्रार्थाचार्य टि शेरिंग दोर्ज, सचिव रिनजिन, विदेश मंत्रालय भूटान मामलों के संयुक्त सचिव सुधाकर दलेल, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेन्द्र कुमार, विधायक रवि ज्योति कुमार, विधायक जितेंद्र कुमार, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, एसपी सुधीर कुमार पोरिका व अन्य मौजूद थे.
भारत और भूटान के बीच है सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध : सीएम
भूटान के राजा की इच्छा पूरी करने को बना रहे मंदिर
राजगीर (नालंदा) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नेपाल और भूटान में अच्छी फसल होने के बाद वहां के लोग भगवान बुद्ध को धन्यवाद देने के लिए बोधगया पहुंचते हैं. यह भगवान बुद्ध के प्रति उनकी आस्था और विश्वास को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बोधगया में मंदिर की सुरक्षा को पहले से कहीं अधिक बेहतर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब वह भूटान गये थे, तो वहां के राजा ने राजगीर में मंदिर बनाने कि इच्छा जाहिर की थी. इसी के तहत मैंने उनकी इच्छा को पूरा करते हुए उसे पूरा किया.
भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के पूर्व राजगीर में सिद्धार्थ के रूप में आये थे. यहीं से वे बोधगया गये थे. फिर ज्ञान प्राप्ति के बाद बोध गया से राजगीर पहुंचे थे. यहां के गृद्धकुट पर्वत पर उन्होंने तपस्या की थी. भूटान में भगवान शंकर, भगवान गणेश और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. जिस तरह से हम किसी शुभ कार्य करने के पूर्व भगवान की पूजा करते हैं, उसी प्रकार से भूटान में भी किसी भी शुभ कार्य करने के पूर्व गणेश भगवान और शंकर भगवान की पूजा की जाती है.
सिर्फ उनकी प्रतिमा कुछ अंतर और नाम में परिवर्तन होता है. भूटान में भगवान शंकर को आंग्चुक तथा गणेश को छौ यदा की संज्ञा दी जाती है और इसी नाम से उनका पूजन होता है. रविवार को भूमि पूजन के पूर्व भी भूटान के द्वारा भगवान गणेश और भगवान शिवशंकर की पूजा अर्चना की गयी.
सांस्कृतिक सभ्यता के बीच है काफी समानता:
-केशांग वांग्डी
भूटान मंत्री मंडल के सचिव केशांग वांग्डी ने कहा कि भारत और भूटान की संस्कृति के बीच काफी समानता है. दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ मित्रता के तहत व्यापार, धार्मिक संबंध, राजनयिक संबंध, अर्थव्यवस्था के तहत व्यापार आंतरीकता का आदान प्रदान काफी लंबे समय से जारी है.-
कार्यक्रम के दौरान भूटान के कलाकारों ने मुखोटा नृत्य प्रस्तुत किया. उन्होंने अपने नृत्य में भगवान शिव शंकर की स्तुति की. उसके बाद के कलाकारों ने भगवान मुखौटा नृत्य के माध्यम से भगवान गणेश की स्तुति की. तदुपरांत बिहार के कलाकारों ने बिहार गीत और छठी मैया के गीत की अनोखी प्रस्तुति कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

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