उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के खिलाफ अपने अभियान में ”मोदी” के हमले की दी मिसाल
नयी दिल्ली / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कथित ‘नीच’ वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें निशाना बनाते आ रहे रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को अपने हमले की तुलना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रियंका गांधी पर किये गये हमले से की. मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा […]
नयी दिल्ली / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कथित ‘नीच’ वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें निशाना बनाते आ रहे रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को अपने हमले की तुलना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रियंका गांधी पर किये गये हमले से की. मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे के मुद्दे पर असंतुष्ट चल रहे हैं.
उन्होंने कई ट्वीट कर सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गलत थे, जब भाजपा पर ‘नीच राजनीति’ करने का आरोप लगाने के लिए उन्होंने 2014 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था. कुशवाहा ने अपने इस आरोप को फिर से हवा दी कि कुमार ने उनके खिलाफ ‘नीच’ शब्द का उपयोग कर उनका अपमान किया है. जदयू इस आरोप से इनकार कर चुका है. रालोसपा उस समय से मुख्यमंत्री कुमार पर हमला कर रहे हैं, जब उन्होंने एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी.
एक कार्यक्रम में नीतीश से राजग में रालोसपा की बढ़ती असहजता के बारे में पूछा गया था. इस पर जदयू नेता नीतीश ने कहा था, ‘‘इतना नीचे मत गिरिये.’ कुशवाहा के ताजा बयानों को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह भाजपा नीत राजग से अलग हो सकते हैं. बिहार लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारा व्यवस्था को लेकर कुशवाहा अप्रसन्न बताये जाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जवाब देते हुए कुशवाहा ने गुरुवार को कई ट्वीट किये.
सुशील मोदी ने 12 नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि कुमार ने ‘नीच’ शब्द का कभी उपयेाग नहीं किया, किंतु कुछ लोग ‘शहीद’ बनने का प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने प्रियंका गांधी वाड्रा की टिप्पणी की जो व्याख्या की थी, वह क्या सुशील कुमार मोदी के अनुसार गलत थी. प्रियंका ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पर हमला करते हुए ‘नीच राजनीति’ शब्द का इस्तेमाल किया था. भाजपा के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने इस टिप्पणी को उनकी पिछड़ी जाति से जोड़ते हुए आरोप लगाया था कि उनकी पृष्ठभूमि पर हमला किया जा रहा है.
कुशवाहा ने कहा, ‘‘सुशील कमार मोदी को तब यह भी कहना चाहिए कि नीतीश कुमार सही हैं तथा राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डीएनए मुद्दे’ पर दोनों नेताओं (नीतीश एवं नरेंद्र मोदी) के बीच वाकयुद्ध में नरेंद्र मोदी गलत थे.’ वर्ष 2015 में जब भाजपा एवं जदयू एक दूसरे के विरोधी खेमों में थे, तो नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की डीएनए टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया था. नीतीश ने अपने पार्टी जनों से कहा था कि वे अपने बाल एवं नाखूनों के नमूने एकत्र कर दिल्ली भेजें, ताकि डीएनए की पुष्टि हो सके. बताया जाता है कि कुशवाहा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस प्रस्ताव से अप्रसन्न हैं कि उनकी पार्टी 2014 की तुलना में इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़े. कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि वह सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर शाह के साथ विचार विमर्श करेंगे. रालोसपा ने 2014 में तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर ही उसे सफलता मिली थी.
कुशवाहा ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं दिल्ली जाने के लिए पटना से निकल रहा हूं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मेरी बैठक में मैं सीटों के बंटवारे पर बातचीत करूंगा.’ भाजपा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को प्रसन्न रखने के प्रयासों के बीच राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बात कुशवाहा को रास नहीं आ रही है. कुशवाहा और नीतीश के संबंध पहले से ही अच्छे नहीं है. कुशवाहा 2014 से पहले राजग में शामिल हुए थे. इस बीच, रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता माधव आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जदयू द्वारा उनके सांसद रामकुमार शर्मा को लुभाने की खबरें हमारे इस आरोप की पुष्टि करती हैं कि नीतीश कुमार ‘जोड़तोड़’ में शामिल हैं. आनंद ने कहा, ‘‘हमने सुना कि एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, ताकि राजद नेता तेजस्वी यादव की गतिविधि पर नजर रखी जा सके. मुख्यमंत्री को एक अपने आवास के भीतर भी लगवाना चाहिए, जो बिहार के सभी लोगों के सामने कपटपूर्ण षड्यंत्रों को बेनकाब कर देगा.’