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BJP का प्रस्ताव पार्टी को स्वीकार नहीं, भाजपा को 30 तक का दिया गया समय, फिर रुख स्पष्ट करेगी पार्टी : उपेंद्र कुशवाहा

पटना : अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग में आंकड़ों को लेकर आ रही अड़चनों के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर बताया कि भाजपा की ओर से दिया गया प्रस्ताव पार्टी को मान्य नहीं है. भाजपा को फैसला लेने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया […]

पटना : अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग में आंकड़ों को लेकर आ रही अड़चनों के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर बताया कि भाजपा की ओर से दिया गया प्रस्ताव पार्टी को मान्य नहीं है. भाजपा को फैसला लेने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है. उसके बाद पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी. फिलहाल रालोसपा एनडीए में ही बनी रहेगी. 30 नवंबर के बाद ही पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी.
मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के लिए तीन से अधिक सीटों की मांग की है, जबकि भाजपा ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है. सूत्रों का कहना है कि एनडीए से लगभग आउट हो चुके कुशवाहा यदि दो सीट पर राजी हो जाते, तो एनडीए में उनकी जगह बनी रहेगी. हालांकि, कुशवाहा इस आंकड़े पर तैयार नहीं होंगे. इसी अड़चनों के कारण उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात नहीं हो सकी. मालूम हो कि रालोसपा अध्यक्ष शुक्रवार को अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए थे.
बैठक में पारित किये गये पांच प्रस्ताव
उपेंद्र कुशवाहा ने बैठक में लिये गये फैसले के बारे में जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान की निंदा करने के साथ माफी मांगने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि पार्टी का शिक्षा में सुधार कार्यक्रम जारी रहेगा. बैठक में शिक्षा में सुधार कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई. साथ ही उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को ऊंच-नीच विरोध दिवस मनाने का फैसला बैठक में लिया गया. इसके बाद उसी दिन बिहार के सभी जिलों में ‘शिक्षा जन-जन का अधिकार’ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत होगी. बिहार में कानून-व्यवस्था की हालत खराब बताते हुए उन्होंने कहा कि कई पार्टी नेताओं की हत्या हुई है. कानून-व्यवस्था सुधारने को लेकर मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष की ओर से पार्टी तोड़ने की लगातार कोशिश की जा रही है. ऐसी कोशिश जनतंत्र के लिए पाप है. विधायकों को बुलाकर मंत्री बनाये जाने का प्रलोभन दिया जा रहा है. कुशवाहा ने सीट शेयरिंग को लेकर बताया कि बैठक में सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि भाजपा की ओर से दिया गया प्रस्ताव सम्मानजनक नहीं है. जब तक सीट शेयरिंग पर कोई सफल या असफल वार्ता पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई फैसला नहीं लिया जायेगा. उसके बाद पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी.

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