पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव : इस बार बढ़ सकते हैं निर्दलीय, रणनीति बनाने में जुटे संगठन

बदल गया है पटना विश्वविद्यालय कैंपस का माहौल, कई संगठन इस बार आ सकते हैं एक साथ पटना : छात्र संघ चुनाव की घोषणा होते ही शांत और अध्ययन-अध्यापन में डूबे पटना विश्वविद्यालय कैंपस का माहौल एकाएक बदल गया है. शुरुआती चुनावी गतिविधियां तेज हो गयी हैं. कई छात्र संगठन इस बार साथ आने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2018 4:54 AM

बदल गया है पटना विश्वविद्यालय कैंपस का माहौल, कई संगठन इस बार आ सकते हैं एक साथ

पटना : छात्र संघ चुनाव की घोषणा होते ही शांत और अध्ययन-अध्यापन में डूबे पटना विश्वविद्यालय कैंपस का माहौल एकाएक बदल गया है. शुरुआती चुनावी गतिविधियां तेज हो गयी हैं. कई छात्र संगठन इस बार साथ आने का संकेत दे रहे हैं तो कई छात्र निर्दलीय भी चुनाव लड़ने के मूड में हैं.

पिछली बार जो गलतियां हुई थीं, उसमें सुधार करते हुए नये समीकरण और नये पैंतरे के साथ वे इलेक्शन में कूदना चाहते हैं. यही वजह है कि इस बार का चुनाव कुछ और भी दिलचस्प होने जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि काफी कांटे की टक्कर होने वाली है. क्योंकि सभी संगठन इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि इस बार वोट नहीं बंटे और अधिक से अधिक वोट से जीत हो.

कई निर्दलीय मैदान में उतरने के मूड में

कुछ छात्रों की ओर से इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे दो कारण बताये जा

रहे हैं. पहला कारण तो यह है कि उन्हें कोई दल पसंद नहीं आ रहा या दल उन्हें

पसंद नहीं कर रहा. दूसरा कि पिछले वर्ष निर्दलीय प्रत्याशी के अध्यक्ष पद जीतने

से इस बार संगठन से अधिक निर्दलीय ही मैदान में उतरने के मूड में नजर आ रहे हैं. वहीं निर्दलीय होने से छात्रों को कोई पार्टी विशेष के विचारधारा या संगठनकी मनमानीपूर्ण रवैये से भी रू-ब-रू नहीं होना पड़ता. वह अपने मन का मालिक होता है.

क्या होगा छात्र संगठनों का महागठबंधन ?

एबीवीपी को रोकने के लिए इस बार ऐसे संकेत हैं कि कुछ छात्र संगठनों का महागठबंधन हो सकता है. जैसे कि वाम छात्र दल, राजद, एनएसयूआई आदि. इसकी उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है कि पिछली बार वोट बंटने से वाम छात्र दलों, राजद, जाप, एनएसयूआई, आप का छात्र विंग आदि को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा पड़ा था.

जबकि एबीवीपी का सेंट्ल पैनल पर दबदबा था. हालांकि अभी इस पर अटकलें ही लगायी जा रही हैं. बातचीत का दौर जारी है. पर्चा भरने से कुछ दिन पहले तक यह स्थिति स्पष्ट हो जायेगा. हालांकि अभी कोई भी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहेगा लेकिन अंत तक कुछ नये समीकरण देखने को मिल सकते हैं जो चुनाव में बड़ा उलट-फेर कर सकते हैं.

सीवाईएसएस 50% सीट पर उतारेगा छात्राओं को

पटना : छात्र संघ चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सभी छात्र संगठन महिला वोटरों को अपनी तरफ करने में लगे हुए हैं. मगध महिला कॉलेज और पटना वीमेंस कॉलेज मिला कर करीब आठ हजार वोटर हैं. इससे संगठन भी महिला प्रत्याशियों को तलाश रही है. महिला वोटरों को ध्यान में रखते हुए छात्र युवा संघर्ष समिति ने 50 प्रतिशत सीट से अधिक पर छात्राओं को उम्मीदवार बनायेगी. सीवाईएसएस के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु कुमार सिंह ने कहा कि कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा चुनाव में मुख्य मुद्दा होगा. आम आदमी पार्टी का छात्र विंग सीवाईएसएस अधिक-से-अधिक छात्राओं को उम्मीदवार बनायेगा. महिला उम्मीदवारों की नाम की घोषणा जल्द ही की जायेगी.

छात्र लोजपा ने हॉस्टल में चलाया जनसंपर्क

पटना. चुनाव की घोषणा होते ही छात्र संगठन जनसंपर्क अभियान में लग गये हैं. रविवार को कैंपस बंद होने के बाद भी छात्र लोजपा ने निजी हॉस्टलों में जनसंपर्क चलाया. छात्र लोजपा के पियूष कुमार पीयूष कुमार ने कहा कि छात्र लोजपा के सभी कार्यकर्ता पीयू में होने वाले चुनाव में जुट गये हैं.

आज चुनाव का शेड्यूल व फाइनल नोटिफिकेशन

पटना : पांच दिसंबर को चुनाव होने हैं लेकिन अभी सिर्फ औपचारिक घोषणा ही हुई थी. सोमवार को इसका फाइनल शेड्यूल व नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा. चुनाव हालांकि पुराने तरीके से ही होगा लेकिन इस बार के चुनाव में पिछली गलतियां नहीं दोहराई जायें इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा.

विवि प्रशासन इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है कि कोई भी ऐसी चूक नहीं हो जिससे कि विवि को पिछले वर्ष के अनुभवों से रूबरू होना पड़े. इसलिए इस बार छात्रों को चुनाव लड़ने के लिए अधिक चेक प्वाइंट से गुजरना पड़ सकता है. वहीं विभागाध्यक्षों व प्राचार्यों को विशेष रूप से एहतियात बरतने को कहा जा सकता है.

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