पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के रुख को लेकर बिहार में नये सियासी बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. एक ओर जहां एनडीए में शामिल रालोसपा अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने की कोशिश में है, वहीं दूसरी ओर सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की कोशिशों के बावजूद बातचीत नहीं हो सकी है. इधर, लोकतांत्रिक जनता दल अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात के बाद अब उनकी पार्टी के नेता अर्जुन राय ने संकेत दिया है कि लोकतांत्रिक जनता दल और रालोसपा का आपस में विलय हो सकता है. कयास लगाया जा रहा है कि दोनों दलों के विलय के बाद महागठबंधन में मजबूती के साथ दावेदारी पेश की जायेगी. वहीं, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता उपेंद्र राय ने कहा कि शरद यादव और उपेंद्र कुशवाहा के रिश्ते काफी अच्छे हैं. मालूम हो कि सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए को 30 नवंबर तक का सीट शेयररिंग को लेकर फैसला लेने का अल्टीमेटम दे रखा है.
शुरू हुआ बयानबाजी का दौर
‘कुशवाहा’ को कोई ‘नीच’ कहेगा, तो आहत होंगे ही, ऐसा नहीं बोलना चाहिए. रालोसपा अध्यक्ष ने अब तक मिलने की कोशिश नहीं की है. अगर वे हमसे मिलना चाहते हैं, तो हम उनसे अवश्य मिलेंगे : राबड़ी देवी, पूर्व मुख्यमंत्री व राजद नेत्री
रालोसपा से हमारी नीतियां और दिल मिले हैं, जब दिल मिले हैं, तो दल भी मिल जायेंगे : उदय नारायण चौधरी, वरिष्ठ नेता, लोक जनतांत्रिक जनता दल
बर्तन आपस में टकराते हैं, बाद में सब ठीक हो जाता है. कौन क्या कहता है, यह मायने नहीं रखता है. उपेंद्र कुशवाहा अब भी एनडीए का ही हिस्सा : नवल किशोर यादव, भाजपा नेता व मंत्री
बातें हो रही हैं, समय आने पर सब सामने आ जायेगा : नागमणि, रालोसपा नेता
हम एनडीए के साथ हैं. उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़ कर महागठबंधन की शरण में जायेंगे, तो वह कब्रगाह साबित होगा : ललन पासवान, रालोसपा विधायक