पटना : बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 2018-19 की राज्य की दूसरी अनुपूरक अनुदान मांगों के मसौदे को मंजूरी दे दी. ये मांगे राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश की जायेंगी. आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी. बिहार का 2018- 19 का कुल 1,76,990 करोड़ रुपये का बजट है. राज्य की पहली अनुपूरक अनुदान मांग 19,771 करोड़ रुपये की थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 10,463.15 करोड़ रुपये की दूसरी अनुपूरक अनुदान मांगों के प्रस्ताव पेश किये जाने को मंजूरी दी गयी. इन मांगों को राज्य विधानसभा में 26 नवंबर से शुरू होने वाले पांच दिन के शीतकालीन सत्र में पेश किया जायेगा. मंत्रिमंडल ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन, भत्तों और दूसरी सुविधाओं में वृद्धि को भी मंजूरी दे दी. सूत्रों ने बताया कि इसमें कितनी वृद्धि होगी इसे विधानसभा के पटल पर ही रखा जायेगा.
एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. जिसमें, विभाग ने बिहार के सभी सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों से सेवानिवृत हुये पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को 200 रुपये मासिक चिकित्सा भत्ता देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडलीय सचिवालय में विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडे ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव के तहत एक अगस्त 2014 से चिकित्सा भत्ता उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दो पद सृजित करने को भी मंजूरी दी गई. एक पद जिला न्यायधीश (प्रवेश बिंदु) में अतिरिक्त रजिस्ट्रार और सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) में शोध अधिकारी को मंजूरी दी गयी है. पांडे ने कहा कि किशोर न्याय से जुड़े मामलों में बेहतर निरीक्षण के लिये यह जरूरी है.