पटना : एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जांच ठप, मरीज परेशान

पीएमसीएच. ओपीडी में 20% डॉक्टरों ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कार्य बहिष्कार किया पटना : इमरजेंसी वार्ड में होने की बात कहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जाने से इन्कार करने के बाद डीएम द्वारा डॉक्टर को जबरन अपने आवास पर बुलाने के बाद हुई घटना के विरोध में हड़ताल पर गये डॉक्टरों ने दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2018 8:44 AM
पीएमसीएच. ओपीडी में 20% डॉक्टरों ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कार्य बहिष्कार किया
पटना : इमरजेंसी वार्ड में होने की बात कहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जाने से इन्कार करने के बाद डीएम द्वारा डॉक्टर को जबरन अपने आवास पर बुलाने के बाद हुई घटना के विरोध में हड़ताल पर गये डॉक्टरों ने दो दिन हड़ताल की तारीख और बढ़ा दी है. त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए डॉक्टरों ने 24 नवंबर तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. बिहार आईएमए व भासा की संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया गया है.
हड़ताल का असर गुरुवार को पटना के पीएमसीएच और गार्डिनर रोड अस्पताल में अधिक देखने को मिला. पीएमसीएच के कुछ डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. इससे ओपीडी में इलाज कराने आ रहे मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ गया.
जांच व्यवस्था हुई प्रभावित
पीएमसीएच के ओपीडी में 20 प्रतिशत डॉक्टरों ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया. वहीं जो डॉक्टर ओपीडी में बैठे, उन्होंने अधिकांश मरीजों को एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई और पैथोलॉजी जांच के लिए लिखा.
लेकिन जब मरीज एक्स-रे कराने पहुंचे, तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे. मरीजों की मानें, तो सुबह के 10 बजे तक एक्स-रे हुआ लेकिन बाद में टेक्नीशियनों ने जांच बंद कर दी. यही स्थिति गार्डिनर रोड अस्पताल में भी देखने को मिली. यहां अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे दोनों प्रभावित रहीं. पीएमसीएच में जो डॉक्टर हड़ताल पर नहीं थे उनमें से भी अधिकांश डॉक्टर अपने समय से देरी से ओपीडी पहुंचे. डॉक्टरों के आने के बाद कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया. बाद में डॉक्टर ने गार्ड की मदद से लाइन को सही तरीके से लगवाया और ओपीडी में इलाज चला.
पटना सिटी में डॉक्टरों ने ठप किया ओपीडी : पटना सिटी. श्री गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल में ओपीडी सेवा गुरुवार को भी बाधित रही और मरीजों को निराश लौटना पड़ा. हालांकि, इमरजेंसी में मरीजों का उपचार किया गया. अस्पताल में लगभग 700 मरीज ओपीडी में उपचार कराने के लिए आते हैं. हालांकि एनएमसीएच में हड़ताल का असर नहीं है. यहां इमरजेंसी, ओपीडी में सामान्य तरीके से कामकाज हुआ. केंद्रीय पंजीयन काउंटर पर लगभग 1500 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया.
दानापुर, पंडारक व बाढ़ में भी दिखा असर : दानापुर. आरा के डॉक्टर की गिरफ्तारी व पिटाई के विरोध में गुरुवार को अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद रखी. हालांकि ओपीडी में आये कई मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उनका इमरजेंसी में इलाज किया गया. पंडारक. पीएचसी में चिकित्सकों ने दूसरे दिन भी ओपीडी सेवा ठप रखी. केवल इमरजेंसी सेवा बहाल रही. बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में भी दूसरे दिन ओपीडी बंद रही.
हड़ताल में नर्स और टेक्नीशियनों की चांदी
पीएमसीएच व आईजीआईएमएस की इमरजेंसी सेवा में मरीजों का इलाज ठीक से किया गया. लेकिन बाकी के वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज बाधित हुआ. क्योंकि पीएमसीएच के टाटा वार्ड, हथुआ, गायनी, गुर्जी और राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के अधिकांश डॉक्टर वार्ड में नहीं थे. मरीजों ने बताया कि दोपहर व रात में सीनियर डॉक्टर राउंड तक नहीं लगाने आये.
मजे की बात तो यह है कि डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद नर्सों की खूब चांदी कटी, क्योंकि इमरजेंसी छोड़ बाकी वार्डों में नर्स गायब दिखीं. हालांकि नर्स ड्यूटी पर थीं, लेकिन चेंबर में ही वह बैठी रहीं. हथुआ व टाटा वार्ड में भर्ती मरीजों से जब बात की गयी, तो उन्होंने यह शिकायत की है.

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