पटना : बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की सोमवार को शुरुआत होने के पहले दिन ही वामदलों ने सदन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, राजद विधायकों द्वारा भी सदन में हंगामा किये जाने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई. सत्र के पहले दिन ही विधानसभा के मुख्यद्वार पर वामदलों के विधायकों ने अयोध्या में धर्म संसद और सीतामढ़ी दंगों की न्यायिक जांच की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया.
विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के साथ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सोमवार को शुरू हुई. इस मौके पर राजद नेता व नेता प्रतिप्रक्ष तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सदन में नजर नहीं आये. जबकि, बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी सदन में भाग लेने के लिए पहुंची. इस मौके पर पार्टी नेताओं ने राबड़ी देवी का स्वागत किया.सदन में शोक संवेदना के बाद सदन की कार्यवाही दोनों सदनों में स्थगित कर दी गयी. विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक और विधान परिषद की कार्यवाही मंगलवार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
मालूम हो कि सत्र के पहले दिन आज 2018-19 की द्वितीय अनुपूरक व्यय की विवरणी पेश की जायेगी. वहीं, मंगलवार और बुधवार को राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य संपादित किये जायेंगे. जबकि, गुरुवार को 2018-19 की द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद, मतदान और उससे संबंधी विनियोग विधेयक पारित किया जायेगा. सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य (गैर सरकारी संकल्प) संपन्न होंगे.
सत्र के हंगामेदार होने के आसार
विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. इस दौरान सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में विपक्ष है. सूबे में विधि-व्यवस्था, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम, पटना पुलिस लाइन में उपद्रव आदि मामलों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश विपक्ष करेगा. वहीं, लालू प्रसाद यादव के परिवार के खिलाफ साजिश रचे जाने के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा खुलासे के बाद पहली बार शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में राजद सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. साथ ही कैग के दरभंगा और मुजफ्फरपुर ट्रेजरी से ही दो अरब 33 करोड़ 23 लाख रुपये का घोटाला उजागर किये जाने का मामला भी शीतकालीन सत्र में विपक्ष जोरदार तरीके से उठायेगा.