बिहार की शराबबंदी का असर पूरे देश में दिखने लगा है : उपमुख्यमंत्री

पटना : ‘नशा मुक्ति दिवस’ पर अधिवेशन भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के साहसिक निर्णय का विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने समर्थन किया था और आज नजीर बनी बिहार की शराबबंदी का असर पूरे देश में दिखने लगा है.बिहार का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2018 4:10 PM

पटना : ‘नशा मुक्ति दिवस’ पर अधिवेशन भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के साहसिक निर्णय का विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने समर्थन किया था और आज नजीर बनी बिहार की शराबबंदी का असर पूरे देश में दिखने लगा है.बिहार का ही प्रभाव है कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि सरकारों के अलावा सुप्रीम कोर्ट तक को शराबबंदी को लेकर पहल करनी पड़ी हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने चरणवार शराबबंदी के तहत नर्मदा के दोनों तरफ 5 किमी के इलाके में 584 शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है. दूसरे चरण में आवासीय, शैक्षिक व धार्मिक स्थानों के आस-पास की शराब की दुकानें बंद की जायेगी. मुरैना जिले के 70 गांवों के गुजरों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी के साथ शराब पीने वालों पर 11 हजार रुपये दंड लगाने का निर्णय लिया है.

बिहार की शराबबंदी का ही प्रभाव है कि महाराष्ट्र सरकार ने चन्द्रपुर और गढ़चिरौरी में शराबबंदी का निर्णय लिया है. जबकि, गांधी से जुड़े होने के कारण वार्धा में पहले से ही शराबबंदी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी नेशनल और स्टेट हाईवे के 5 किमी के दायरे में शराब की आउटलेट नहीं खोलने का निर्देश दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि शराबबंदी के अपने निर्णय पर अडिग रहे, बिहार की जनता और भाजपा पूरी तरह से उनके साथ है.

बिहार अकेला राज्य है जहां पूर्ण शराबबंदी है जबकि गुजरात, मिजोरम व नागालैंड में आंशिक शराबबंदी हैं. अन्य दूसरे राज्य शराबबंदी लागू करना तो चाहते हैं मगर राजस्व की क्षति व अन्य कई कारणों से हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. नशा मुक्ति दिवस के औचित्य पर कहा कि जो लोग शराब से मुक्त हुए हैं वे अन्य नशा की लत में न फंस जाये इसलिए पूर्ण नशामुक्ति आवश्यक है. इस दिवस पर संकल्पों को दोहराने की भी जरूरत है.

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