पटना : शराबबंदी फेल होने की अफवाह उड़ाने वाले धंधेबाजों के हैं एजेंट, रहें सतर्क : नीतीश कुमार
नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी फेल होने की अफवाह उड़ाने वालों से आम लोगों को सजग व सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग धंधेबाजों के एजेंट हैं, जो लोगों को भ्रमित कर अपना काम निकालना चाहते हैं. हम जितनी चौकसी […]
नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी फेल होने की अफवाह उड़ाने वालों से आम लोगों को सजग व सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग धंधेबाजों के एजेंट हैं, जो लोगों को भ्रमित कर अपना काम निकालना चाहते हैं.
हम जितनी चौकसी बरत लें, ऐसी गड़बड़ी करने वाले अपना काम करेंगे ही. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही आम लोगों को इसकी अच्छाई व बुराई समझाने का अभियान भी चलाएं. वह सोमवार को अधिवेशन भवन में नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
सूचना देने वालों से दोबारा फोन कर लेंगे फीडबैक : मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी उल्लंघन से जुड़े मामलों में कार्रवाई के लिए आईजी (मद्य निषेध) का तंत्र विकसित कर लिया गया है.
अधिकारी-कर्मियों के साथ ही उनको विशेष शक्ति भी दी गयी है. अगर उनको लगता है कि सूबे के किसी भी थाने में शराब से जुड़े मामले की जांच सही ढंग से नहीं हो रही है तो वे उस केस को अपने अंडर ले सकते हैं. राज्य भर में बिजली के खंभों पर शराब से जुड़ी शिकायत करने को टॉल फ्री नंबर टांग दिया है. इस नंबर पर की जाने वाली शिकायत न सिर्फ गुप्त रहेगी, बल्कि कार्रवाई के बाद उस व्यक्ति से दोबारा फोन कर फीडबैक भी लिया जायेगा.
शराब से जुड़े रहे गरीब परिवारों को वैकल्पिक रोजगार
मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि कुछ लोग शराबबंदी से गरीबों की नुकसान की बात करते हैं, जबकि सबसे अधिक फायदा उनका ही हुआ है. उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा अब बच रहा है. इनका कारोबार करने वाले गरीब असामयिक मौत का शिकार हो जाते थे.
ऐसे गरीब परिवारों के लिए सरकार ने जीविका के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना शुरू की है. इस योजना में उनको चिह्नित कर गोपालन, बकरी पालन आदि की ट्रेनिंग देकर वैकल्पिक रोजगार दिया जायेगा. इतना ही नहीं, इन परिवारों को सात महीने तक हर माह हजार रुपये की सहायता भी मिलेगी.
सरकारी खजाने से समृद्धि का आकलन नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद लोगों को राजस्व एवं पर्यटकों की कमी की चिंता थी. पहले साल हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.
उसके बाद तो कोई चिंता ही नहीं है. वैसे सरकार के खजाने से राज्य की समृद्धि का आकलन नहीं किया जा सकता. उससे कहीं गुनी अधिक बचत लोगों की हो रही है, जिसे दूसरी चीजों पर खर्च किया जा रहा है. बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी तीन करोड़ पहुंच गयी, जिनमें 10 लाख विदेशी पर्यटक रहे.
सरकारी तंत्र से जुड़े धंधेबाजों की पहचान कर उन पर करें कड़ी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव साहब देखिए, सारे विभाग आपके पास
सीएम ने मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अपर मुख्य सचिव साहब, देखिए गृह, मद्य निषेध और सामान्य प्रशासन भी आप ही के पास है. शराब का धंधा करने वाला कोई भी बचना नहीं चाहिए. अगर सरकारी कर्मी गड़बड़ी करते हैं तो उन पर भी कार्रवाई कीजिए. इतने क्लॉज लगाइए कि न बाहर निकलें, न फिर ऐसा करने की हिम्मत करें. उन्होंने सिर्फ ड्राइवर या खलासी पकड़े जाने पर कहा, देखना होगा कि अवैध कारोबारी पकड़े जा रहे हैं या नहीं?
डब्ल्यूएचओ ने भी माना, शराब से विश्व में सर्वाधिक मौत
सीएम ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि विश्व में शराब से 2016 में सर्वाधिक 30 लाख लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 5.3% है. इनमें भी वृद्धों की अपेक्षा युवाओं की मौत का औसत 13.5% रहा. डब्ल्यूएचओ ने माना है कि शराब लगभग 200 बीमारियों को बढ़ाता है, जिनमें कैंसर, एड्स, हेपेटाइटिस, लिवर, दिल, मानसिक बीमारी व हिंसक प्रवृत्ति शामिल हैं. आत्महत्या के मामलों में 18%, आपसी झगड़े में 18%,सड़क हादसे में 27% व मिर्गी से 13% मौत शराब से होती है. शराबबंदी से हादसे, पारिवारिक झगड़े, उत्पीड़न, महिला हिंसा आदि में भारी कमी आयी है.