पटना : स्वच्छता अभियान में छूटे लोगों का नाम फिर जोड़ने का निर्देश

पटना : राज्य को आगामी बिहार दिवस 22 मार्च 2019 के पहले तक ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) बनाने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू कर दी गयी है. इसके तहत सभी जिलों को फिर से ऐसे परिवारों का सर्वे कर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है, जो पिछली बार हुए सर्वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 9:32 AM
पटना : राज्य को आगामी बिहार दिवस 22 मार्च 2019 के पहले तक ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) बनाने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू कर दी गयी है.
इसके तहत सभी जिलों को फिर से ऐसे परिवारों का सर्वे कर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है, जो पिछली बार हुए सर्वे में छूट गये थे और उनका नाम वर्तमान में मौजूद स्वच्छता सूची में नहीं है. बेस लाइन सर्वे में ऐसे लोगों या परिवारों का नाम जोड़ने के लिए कहा गया है, जो किसी कारण से छूट गये थे. इसके लिए सभी जिलों को फिर से सर्वे करके छूटे हुए लोगों का नाम शामिल करने के लिए कहा गया है.
इसके मद्देनजर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. इसमें एपीएल और बीपीएल परिवारों के लिए अलग-अलग सूची बनाने के लिए कहा गया है. इस नयी सूची को तैयार करने के बाद इसकी सबसे पहले समीक्षा बीडीओ के स्तर पर की जायेगी. इसके बाद ही इस सूची को अंतिम रूप से तैयार करके जारी किया जायेगा.
राज्य में ओडीएफ घोषित होने वाले जिलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.अब तक 12 जिले ओडीएफ घोषित हो चुके हैं, जिसमें सबसे पहले सीतामढ़ी और हाल में घोषित हुआ जिला जहानाबाद है. इसके अलावा सासाराम, शेखपुरा, मुंगेर, नालंदा, बेगूसराय, बक्सर, नवादा, पूर्वी चंपारण, शिवहर और कैमूर जिले शामिल हैं. राज्य में शौचालय निर्माण का प्रतिशत वर्तमान में 83 फीसदी है.
बंद पड़े शौचालय को फिर से चालू करने पर फोकस : राज्य में शौचालय का निर्माण तो हो रहा है, लेकिन दूसरी तरफ बड़ी संख्या में ऐसे शौचालय भी हैं, जो निर्माण होने के बाद से बंद पड़े हैं. यानी इनका कई कारणों से उपयोग नहीं हो रहा है. ये अकार्यरत हैं. एक सर्वे के मुताबिक राज्य में ऐसे शौचालयों की संख्या करीब छह लाख है. सभी जिलों के डीएम सह अध्यक्ष, जिला जल एवं स्वच्छता समिति को इस पर खासतौर से फोकस करने के लिए कहा गया है.

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