मुजफ्फरपुर व दरभंगा ट्रेजरी में नहीं हुई वित्तीय अनियमितता : उपमुख्यमंत्री

पटना : उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर व दरभंगा ट्रेजरी में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है. उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. विधान परिषद में अपने कार्यालय कक्ष में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 7:26 PM

पटना : उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर व दरभंगा ट्रेजरी में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है. उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. विधान परिषद में अपने कार्यालय कक्ष में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि किसी तरह का कोई वित्तीय अनियमितता नहीं है. केवल तकनीकी व प्रक्रियागत त्रुटि का मामला है. इसे सुधार कर लिया गया है. महालेखाकार द्वारा लगाये गये आपत्तियों का निराकरण कर महालेखाकार को कागजात उपलब्ध करा दिये गये हैं.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच विभाग के द्वारा करायी गयी थी. इस संबंध में दोनों जिला के डीएम ने रिपोर्ट भेजा है. मुजफ्फरपुर डीएम द्वारा भेजे गये रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई वित्तीय गबन नहीं है. रिपोर्ट में उठाये गये एक-एक बिंदुओं का जवाब डीएम द्वारा दिया गया है. इसमें नाजीर रसीद के माध्यम से राशि रोकड़ में जमा करने, झंडा दिवस की राशि सैनिक कल्याण निदेशालय को दिया गया. 32. 80 लाख डीसी बिल मार्च 2016 को महालेखा कार्यालय को दिया गया. लगभग 966 लाख का लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विभिन्न अंचलों को आवंटित किया गया. सूद मद में चार सौ लाख रुपये चालान द्वारा ट्रेजरी में जमा कराया गया. असमायोजित लगभग 512 लाख रुपये के समायोजन हेतु संबंधित विभागों से आवंटन प्राप्त करने की कार्रवाई हो रही है. 24 नवंबर को रोकड़ पंजी अपडेट कर लिया गया.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा डीएम ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2009 से 2012 तक प्राप्ति व व्यय के 54 करोड़, 2012 से 2015 तक 46 करोड़ व 2015 से 17 के बीच 31 करोड़ का महालेखाकार कार्यालय द्वारा अंकेक्षण किया गया. महालेखाकार द्वारा एसी बिल के विरुद्ध डीसी बिल का जमा नहीं किया जाना, बैंक में रखी गयी सूद की राशि, जिला शहरी विकास अभिकरण व अन्य कार्यकारी एजेंसियों को विकासात्मक कार्यों के लिए की गयी राशि के संदर्भ में है. डीएम ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय गबन का मामला नहीं है. बल्कि तकनीकी व प्रक्रियागत त्रुटियों से संबंधित है. अंकेक्षण आपत्ति ट्रेजरी से संबंधित नहीं हो कर जिला नजारत से संबंधित है.

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